1. Home
  2. खेती-बाड़ी

पान की खेती करने पर सरकार दे रही है अनुदान, जानिए किसानों को कैसे मिलेगा लाभ?

पान का हमारे भारतीय सांस्कृतिक, धार्मिक एवं सामाजिक रीति रिवाजों से घनिष्ठ संबंध रहा है. पान का इस्तेमाल धार्मिक स्थल में भी किया जाता है, इसके साथ ही पान का इस्तेमाल कई रोगों की रोकथाम के लिए भी उपयोग किया जाता हैं, क्योंकि पान में बहुत औसधीय गुण भी पाये जाते हैं जो कई रोगों के निवारण मे काम आता है.

स्वाति राव
Betel Vine Farming
Betel Vine Farming

पान का हमारे भारतीय सांस्कृतिक,  धार्मिक एवं सामाजिक रीति रिवाजों से घनिष्ठ संबंध रहा है. पान का इस्तेमाल धार्मिक स्थल में भी किया जाता है, इसके साथ ही पान का इस्तेमाल कई  रोगों की रोकथाम के लिए भी उपयोग किया जाता हैं, क्योंकि पान में बहुत औसधीय गुण भी पाये जाते हैं जो कई रोगों के निवारण मे काम आता है.

बात करें खेती की तो देश के कई राज्यों के किसान पान की खेती करके मुनाफा कमा रहे हैं. पान की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए अनुदान दिए जाते हैं. इसी कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार पान की खेती करने वाले किसानों को 50% सब्सिडी दे रही है. दरअसल, 500 वर्ग मीटर के बरेजे (पान के खेत) की औसतन लागत 50 हजार रुपये लागत आती है. इस हिसाब से किसानों को पच्चीस हजार रूपए की अनुदान राशि दी जाएगी. 

भारत में पान की खेती  (Betel Cultivation in India)

भारत में पान की खेती अलग.- अलग राज्यों में अलग-अलग प्रकार से की जाती है. जैसे कुछ राज्यों जहां वर्षा अधिक होती है तथा आर्द्रता अधिक होती है, में पान प्राकृतिक परिस्थितियों में किया जाता है, तो कुछ राज्यों में जहाँ तापमान सामान्य रहता है, में भी पान की खेती पारंपरिक तरीके से की जाती है. वहीं बात करें उत्तर भारत की जहां कडाके की गर्मी तथा सर्दी पडती है, में पान की खेती संरक्षित खेती के रूप में की जाती है. इन क्षेत्रों में पान का प्राकृतिक साधनों जैसे बांस,घास आदि का प्रयोग कर बरेजों का निर्माण किया जाता है तथा उनमें पान की आवश्यकतानुसार नमी की व्यवस्था कर बरेजों में कृत्रिम आर्द्रता की जाती है, जिससे कि पान के बेलों का उचित विकास हो सके.

पान की खेती पर दिया जाने वाला अनुदान (Subsidy On Betel Cultivation)

केंद्र सरकार के उद्यानिकी विभाग द्वारा राष्ट्रीय कृषि विकास योजना-रफ़्तार का क्रियान्वयन किया जा रहा है. जिसके तहत उच्च तकनीक से पान की खेती हेतु 500 वर्ग मीटर में परियोजना के प्रावधान अनुसार पान बरेजा बनाने एवं पान की खेती करने हेतु इकाई लागत राशि रूपये 1.20 लाख पर 35 प्रतिशत अनुदान राशि 0.42 लाख दिया जाता है.

यह किसान कर सकते हैं आवेदन (This Farmer Can Apply)

राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत मध्य प्रदेश के सतना जिले के किसानों से पान की खेती के लिए आवेदन मांगा गया है. जिसमें अभी सिर्फ योजना के तहत सतना जिले के सामान्य वर्ग के किसान आवेदन कर सकते हैं. आवेदन करने की प्रक्रिया 5 अगस्त 2021 सुबह 11:00 बजे से ऑनलाइन चालू हो गई है.

आवेदन करने के लिए जरुरी दस्तावेज (Documents Required To Apply)

  • फोटो

  • आधार कार्ड

  • खसरा नंबर, बी -1

  • बैंक की पासबुक

अनुदान के लिए कहाँ करें आवेदन (where To Apply For Subsidy)

पान की खेती पर आवेदन अनुदान करने के लिए किसानों ऑनलाइन पंजीयन उद्यानिकी विभाग मध्यप्रदेश फार्मर्स सब्सिडी ट्रैकिंग सिस्टम https://mpfsts.mp.gov.in/mphd/#/  पर जाकर कृषक पंजीयन कर सकते हैं.

पान के लाभ (Benefits Of Betel Leaves)

जैसा की हमने बताया पान की खेती लगभग भारत के सभी राज्यों में होती है. भारत में पान की अलग – अलग अहमियत है. कहीं लोग इसका सेवन शौक के तौर पर करते हैं तो कहीं लोग इसे औषधीय के रूप में लेते है. आइये जानते हैं पान का सेवन किन-किन रोगों में किया जाता है.

  • पान में पाया जाने वाला तरल पदार्थ भोजन को पचाने में मदद करता है, जिससे पाचन क्रिया मजबूत होती है

  • पान के पत्तों का सेवन करने से खाँसी में राहत मिलती है.

  • मुंह में छाले हो जाने पर पान का सेवन करने से लाभ मिलता है.

  • चेहरे पर पिम्पल्स होने पर पान के पत्तों का पेस्ट लगाने से लाभ मिलता है.

  • पान के पत्तों को चबाने से ओरल कैंसर की बीमारी से बचा जा सकता है.

  • पान के पत्तों को पिस कर घाव पर लगाने से घाव जल्द ठीक हो जाता है.

English Summary: the government is giving grants for betel cultivation, which will benefit the farmers Published on: 26 August 2021, 11:59 AM IST

Like this article?

Hey! I am स्वाति राव. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News