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अब नामुमकिन, मुमकिन है

2 फरवरी 2019 को केंद्र सरकार अपना अंतरिम बजट पेश करती है और इसी बजट में किसानों के लिए वित्तमंत्री पीयूष गोयल प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की घोषणा करते हैं. जिसमें बताया जाता है कि 2 हेक्टयर से कम जोत वाले किसानों को साल में 6000 हजार रूपये सहायता राशि दी जाएगी.

प्रभाकर मिश्र
प्रभाकर मिश्र

2 फरवरी 2019 को केंद्र सरकार अपना अंतरिम बजट पेश करती है और इसी बजट में किसानों के लिए वित्तमंत्री पीयूष गोयल प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की घोषणा करते हैं. जिसमें बताया जाता है कि 2 हेक्टयर से कम जोत वाले किसानों को साल में 6000 हजार रूपये सहायता राशि दी जाएगी. बाद में खबरें आने लगती हैं कि इस योजना की पहली क़िस्त चुनाव से पहले किसानों के खातों में भेज दी जायगी. प्रधानमंत्री मोदी 24 फरवरी को इस योजना की शुरूआत उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से करते हैं. उसी दिन इस योजना की पहली क़िस्त यानी 2000 रुपये किसानों के खातों में भेज दी जाती है.

इसके बाद किसानों के खातों में पैसे आते हैं और सभी के दिलों में खुशी की लहर दौड़ पड़ती है. लेकिन इन किसानों के चेहरों पर उस समय मायूसी छा जाती है जब अचानक किसानों के खातों में आये हुए पैसे वापस हो जाते हैं. ऐसा उत्तर प्रदेश के जौनपुर के किसानों के साथ हुआ. जौनपुर के अधिकारियों की मानी जाय तो लगभग 5 हजार किसान ऐसे हैं जिनके खातों में पैसे तो आए लेकिन पैसे उसी दिन वापस भी चले गए. सरकार ने डीबीटी के माध्यम से लगभग 75000  किसानों के खातों में 2000 रुपयों वाली पहली किश्त भेजी.

अगर स्थानीय बैंको के आकड़ों को देखा जाए तो जिले में लगभग 6 लाख 55 हजार किसान हैं जिसमें से 35 हजार 852 किसान ऐसे हैं जिनके पास 2 हेक्टयेर जमीन है. राजस्व विभाग ने आधार कार्ड, खतौनी और बैंक पासबुक के आधार पर पीएम किसान योजना के लिए ऑनलाइन फीडिंग की है. जांच के बाद पता चला कि इसमें 35 हजार किसान पात्र हैं. 24 फरवरी के बाद किसानों के खातों में पैसे आना चालू हो जाते हैं. मीडिया की खबरों के अनुसार 5 हजार से ज्यादा किसानों के खातों में पैसे आने के बाद पैसे वापस चले गए. किसान इस बात का विवरण लेने बैंक गए तो उन्हें इस बात का पता चला.

अगर वहीं जिले के स्थानीय यूनियन बैंक बरईपार शाखा की बात करें तो अकेले ही इस शाखा से 300 किसानों के पैसे वापस चले गए. ऐसा भी नहीं था की किसानो के पास पैसे आने का एसएमएस नहीं आया हो. लेकिन जब इन किसानो के पैसे वापसी जाने के एसएमएस आने लगे तो उन्हें बड़ा झटका लगा और इस बात की जानकारी के लिए वे बैंक तक पहुंचे. इस मामले में शाखा प्रबंधक नारायण सिंह का कहना है कि इस मामले में बैंक की कोई भूमिका नहीं है. उन्होंने कहा की पैसे सरकार ने भेजे थे और वापस भी ले लिए. ऐसा नहीं है की यह एक ही बैंक में हुआ बल्कि जिले में बदलापुर, खुटहन,केकरात आदि स्थानों के विभिन्न बैंको की शाखाओ से ऐसी खबर सामने आ रही है.

Source : amarujala

English Summary: Why is the return sent by PMkisan accounts to the farmers getting back Published on: 02 March 2019, 02:43 IST

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