स्पिरुलिना एक प्रकार का शैवाल है. शैवाल उस पौधे को कहते हैं जो पानी में उगता है.
यह पैधा झीलों, झरनों और खारे पानी में उगता है.
आयुर्वेद में इसका एक महत्वपूर्ण स्थान है. आयुर्वेद की कई दवाइयों में इसका
इस्तेमाल किया जाता है. कई बीमारियों के लिए इसे रामबाण बताया गया है.
स्पिरुलिना का सबसे बड़ा फायदा है कि इससे ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती
है. स्पिरुलिना को डायबिटीज के मरीजों के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है.
स्पिरुलिना के सेवन से वजन कम करने में भी मदद मिलती है. इसमें बीटा कैरोटीन, फैटी
एसिड, क्लोरोफिल और दूसरे पोषक तत्व पाए जाते हैं जिससे चर्बी कम होने लगती है.
स्पिरुलिना में विटामिन ए, विटामिन बी-12, आयरन, विटामिन ई, कैल्शियम और फास्फोरस
जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो त्वचा को चमकदार बनाते हैं.
स्पिरुलिना कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के खतरे को दूर करने में मदद करता है. जिसके
पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में मौजूद हानिकारक फ्री रेडिकल्स नष्ट हो जाते हैं.
स्पिरुलिना में प्रोटीन और फाइबर काफी मात्रा होता है, जिससे लिवर स्वस्थ और मजबूत
बनता है. स्पिरुलिना पिहेपेटाइटिस रोगों और सिरोसिस के खतरे से बचाता है.
स्पिरुलिना बेड कोलेस्ट्रॉल को घटाने और गुड कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने में मदद करता है.
जिससे ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है और हार्ट भी हल्दी रहता है.
रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाने के लिए स्पिरुलिना बहुत फायदेमंद है.
स्पिरुलिना के सेवन से प्रतिरक्षा-शक्ति बढ़ाने में मदद मिलती है.
स्पिरुलिना डिप्रेशन को दूर करने और दिमाग को पोषण देने मे मदद करता है. इसमें
मौजूद विटामिन बी 12 और फोलिक एसिड से दिमाग को ऊर्जा मिलती है.
स्पिरुलिना में विटामिन ए होता है जिससे आंखों में होने वाली बीमारियां दूर होती
है. इससे आंखों की रौशनी बढ़ती है और आई मसल्स मजबूत बनती हैं.
स्पिरुलिना में विटामिन ए होता है जिससे आंखों में होने वाली बीमारियां दूर होती
है. इससे आंखों की रौशनी बढ़ती है और आई मसल्स मजबूत बनती हैं.