मशरूम फार्मिंग से विकास वर्मा कमाते हैं
करोड़ों रुपये
Author: Vivek kumar Rai
प्रगतिशील किसान डॉ. विकास वर्मा हरियाणा के हिसार जिले के सलेमगढ़ के
रहने वाले हैं. पिछले कई सालों से मशरूम की खेती के जरिए अच्छी
कमाई कर रहे हैं
विकास वर्मा ने 12वीं तक पढ़ाई की है. वही, नीति आयोग द्वारा मशरूम की खेती में कई सालों का अनुभव होने की वजह से डॉक्टरेट की उपाधि मिली है
शुरुआती तौर पर जब उन्होंने मशरूम की
खेती शुरू की थी, उन्हें मंडियों में इसके अच्छे दाम नहीं मिल पाते थे, लेकिन जब
से उन्होंने अपना ब्रांड बनाया. तब से उन्हें दोगुना मुनाफा हो
रहा है
विकास वर्मा वेदांत मशरूम प्राइवेट लिमिटेड और बोहरा ऑर्गेनिक प्राइवेट लिमिटेड के नाम से अपनी दो कंपनियां चलते हैं.
इसी ब्रांड के नाम से अपने मशरूम बाजार में बेचते हैं
विकास का फोकस मशरूम पर ज्यादा रहता है, लेकिन वे संरक्षित खेती भी करते हैं. जिसके तहत वे कई प्रकार की सब्जियों
जैसे- शिमला मिर्च, खीरे और फलों में खरबूजे का उत्पादन करते
हैं
5 एकड़ जमीन पर मशरूम की खेती करते हैं, जहां उनका एक प्लांट है. मशरूम में इस प्लांट में वह रोजाना
80 से 90 क्विंटल प्रोडक्शन लेते हैं. जबकि, सवा एकड़ जमीन पर वे
संरक्षित खेती करते हैं
मशरूम की खेती पर सालाना उनकी लागत 50 से
60 लाख रुपये तक आती है, जिसके जरिए वे 2.5 से 3 करोड़ रुपये कमा लेते
हैं. इसके अलावा, वे फलों व सब्जियों के उत्पादन से सालाना 10 से 12 लाख रुपये कमा लेते हैं