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Sugarcane Disease Management : गन्ने की फसल में लगने वाले प्रमुख लाल सड़न रोग का नियंत्रण

Sugarcane Red Rot Disease: उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश आदि राज्य गन्ने के प्रमुख उत्पादक हैं. किसान भाइयों को गन्ने की फसल में लाल सड़न रोग काफी परेशान करता है. इसी को देखते हुए आज हम इस लेख के माध्यम से लाल सड़न रोग के नियंत्रण की जानकारी देने जा रहे हैं....

निशा थापा
गन्ने में लाल सड़न रोग
गन्ने में लाल सड़न रोग

Sugarcane Disease Control: गन्ने की खेती भारत में बड़े पैमाने पर होती है. साथ ही गन्ने से कई प्रकार के उत्पाद भी तैयार किए जाते हैं. मगर गन्ने की फसल का सही रखरखाव नहीं किया गया तो फसल को काफी नुकसान पहुंचता है. आज हम गन्ने के एक ऐसे रोग के बारे में बताने जा रहे हैं जो कि किसानों की उपज को काफी नुकसान पहुंचाते हैं. खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों में जहां गन्ने का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाता है.

लाल सड़न रोग

लाल सड़न रोग गन्ने को पूरी तरह से खराब कर देता है. लाल सड़न रोग में गन्ना अंदर से लाल रंग का दिखाई देने लगता है और यह रोग खासकर उन जगहों पर अधिक देखने को मिलता है, जहां पर जलभराव की स्थिति अधिक होती है. इसके बचाव के लिए जरूरी है कि किसान वक्त रहते फसल की समय-समय पर देख-रेख करते रहें और साथ ही खेत में जल निकासी की व्यवस्था की जानी चाहिए.

कई जगहों पर गन्ने के लाल सड़न रोग को गन्ने का कैंसर भी कहा जाता है. किसानों के गन्ने के खेत में यदि इस रोग का हमला हो जाए तो किसानों काफी नुकसान झेलना पड़ता है, क्योंकि फैक्ट्रियां भी ऐसे गन्ने को लेने से मना कर देती हैं.

लाल सड़न रोग के लक्षण

  • गन्ने के पौधे की पत्तियां पीली होने लगते हैं.

  • पत्तियों में पीले या लाल रंग के धब्बे नजर आते हैं.

  • यदि गन्ने के गुदे में लाल रंग की रेखा बनने लगे तो यह लाल सड़न रोग के लक्षण है.

  • गन्ने के रस से सिरके जैसे महक आने लगे, तो किसान भाइयों को समझ जाना चाहिए कि उनकी गन्ने की फसल में लाल सड़न रोग ने हमला कर दिया है.

लाल सड़न रोग से बचाव

  • किसानों को इस रोग से बचाव के लिए उचित फसल चक्र अपनाना चाहिए.

  • जिस खेत में लाल सड़न रोग का पहले आक्रमण हो चुका हो उस खेत में 2 साल तक गन्ने की बुवाई ना करें. विपरित इसके आप इसमें गेहूं, धान या फिर अन्य फसलें उगाएं.

  • किसानों को गन्ने की ऐसी किस्मों का चुनाव करना चाहिए जो लाल सड़न रोग रोधी हो. कोसा 13235 किस्म में लाल सड़न रोग का खतरा बेहद कम रहता है

  • किसानों को उस जगह से ही बीज लेना चाहिए जहां इस रोग ने हमला ना किया हो.

ये भी पढ़ेंः गन्ने की फसल में घातक रोगों के प्रकोप का कैसे करें प्रबंधन?

  • किसानों को गन्ने की बुवाई से पहले बीजों को उपचारित कर लेना चाहिए, जिसके लिए कार्बेन्डाजिम 50 फीसदी WP 2 ग्राम प्रति लीटर के हिसाब से 500 से 600 लीटर पानी में मिला लें. फिर इस घोल में गन्ने के बीज को 15 मिनट के लिए डूबा दें. फिर गन्ने के बीजों को निकाल कर सूखा दें, फिर बुवाई करें.

English Summary: Major red rot disease and its control in sugarcane crop Published on: 16 March 2023, 03:36 PM IST

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