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कम पानी और कम खर्चे में बेहतर उपज देगी अलसी की खेती

अलसी के खेती करने के लिए किसानों को अधिक सिंचाई की आवश्यकता नहीं पड़ती है. जिस वजह से यह राजस्थान के गर्मी वाले इलाकों में बड़ी आसानी से हो जाती है...

निशा थापा
अलसी की खेती का सरल तरीका
अलसी की खेती का सरल तरीका

अलसी के बीज स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है, जिसका सेवन कैंसर जैसी घातक बीमारी को नियंत्रण करने में भी किया जाता है. साथ ही अलसी से पाचन, ब्लड शुगर को नियंत्रित, पेट सम्बंधित समस्याएं, कब्ज आदि को ठीक करने में सहायक है. अब इसका इस्तेमाल इतना स्वास्थ्यवर्धक है तो बाजार में इसकी मांग हमेशा ही बनी रहती है. ऐसे में किसान इसकी खेती से अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. अलसी की खेती की एक और खास बात यह है कि इसे कम पानी में आसानी से उगाया जा सकता है.

 फार्मर द जर्नलिस्ट धनराज नागर बताते हैं कि राजस्थान के झालावार में अलसी की खेती काफी अधिक मात्रा में की जा रही है. ये वहां के लिए नई खेती है जिसके लिए बाजार में इसका भाव भी काफी अच्छा मिल रहा है. अलसी की खेती के लिए अब झालावार के युवा भी रूचि दिखा रहे हैं.

कम पानी में होती है खेती

किसान भेरूलाल ने कृषि जागरण से बात करते हुए उन्होंने बताया कि वह बीते 2 सालों से अलसी की खेती कर रहे हैं, उनका कहना है कि अलसी की खेती के लिए अधिक पानी की आश्यकता नहीं होती है. उन्होंने अपनी अलसी की फसल में केवल एक ही बार सिंचाई की है और फिर बारिश हुई तो उसके बाद सिंचाई की आवश्यकता ही नहीं पड़ी.

कम खर्च में मिलता है अच्छा उत्पादन

किसान भेरूलाल का कहना है कि अलसी की फसल में निराई-गुड़ाई की भी जरूरत नहीं पड़ती है, साथ ही खरपतवार भी ना के बराबर ही पनपता है, क्योंकि उससे पहले ही वह गेहूं की फसल में खरपतवार नियंत्रण के लिए जिस दवा का इस्तेमाल करते हैं वही दवा अलसी की खेती के लिए उपयोग में लाते हैं. युवा किसान बताते हैं कि जब पौधा बड़ा हो जाता है तो उसमें यूरिया छिड़क देते हैं फिर उसमें एक ही बार सिंचाई करते हैं.

ये भी पढ़ेंः अलसी की बहुउद्देशीय खेती आर्थिक के साथ स्वास्थ्य के लिए भी हितकारी

अलसी की उत्पादन क्षमता

किसान का कहना है कि अलसी की यह फसल महज 95 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. साथ ही उनकी एक बीघा जमीन से 4 क्विंटल उत्पादन प्राप्त हुआ है. इसके अलावा बीते साल प्रति क्विंटल अलसी के 6000 रुपए मिल रहे थे, हालांकि इस बार भाव थोड़ा कम है. वह बताते हैं कि तना भारी होने के चलते फसल को बारिश, ओले और आंधी का अधिक नुकसान नहीं झेलना पड़ता है. साथ ही वह अन्य युवा किसानों को सलाह देते हैं कि अलसी की खेती कम पानी और कम खर्चे में हो जाती है, जिससे किसानों को अधिक मुनाफा प्राप्त हो सकता है.

English Summary: Cultivation of linseed will give better yield in less water and less cost Published on: 28 March 2023, 02:15 PM IST

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