Disease Management in Button Mushroom: बटन मशरूम की खेती उत्तर भारत में किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण आय का स्रोत बन रही है. हालांकि, इसकी खेती में कई प्रकार के रोग एवं समस्याएं भी सामने आती हैं, जो उत्पादन को प्रभावित करती हैं. रोगों एवं कीटों का प्रभावी प्रबंधन करने के लिए उनकी पहचान, सही समय पर नियंत्रण और निवारक उपाय आवश्यक हैं.
1. ब्लॉच (Blotch) रोग
यह रोग Pseudomonas Tolaasii नामक बैक्टीरिया के कारण होता है. इसमें मशरूम की कैप पर भूरा या काला धब्बा बनता है, जिससे उनका बाजार मूल्य घट जाता है.
ब्लॉच (Blotch) रोग के लक्षण: बटन मशरूम के कैप पर गहरे रंग के धब्बे बनते है .मशरूम की सतह पर चिपचिपाहट.
ब्लॉच (Blotch) रोग का प्रबंधन
फसल के दौरान नमी का उचित प्रबंधन करें.अधिक तापमान और आर्द्रता से बचें.रोगग्रस्त मशरूम को तुरंत हटा दें.0.1% ब्लीचिंग पाउडर का घोल या हाइड्रोजन परऑक्साइड का स्प्रे करें.
2. ड्राई बबल (Dry Bubble)
यह रोग Verticillium fungicola नामक कवक के कारण होता है. यह फसल को भारी नुकसान पहुंचा सकता है.
ड्राई बबल (Dry Bubble) रोग के लक्षण: बटन मशरूम का आकार असामान्य हो जाता है. कैप फटने लगती है और उनके विकास में रुकावट आ जाती है.
ड्राई बबल (Dry Bubble) प्रबंधन: साफ-सफाई का ध्यान रखें. रोगग्रस्त मशरूम और प्रभावित कम्पोस्ट को तुरंत हटा दें. थायाबेंडाज़ोल या कार्बेन्डाजिम जैसे फफूंदनाशकों का उपयोग करें.
3. वेट बबल (Wet Bubble)
यह रोग Mycogone perniciosa के कारण होता है और फसल को गंभीर रूप से प्रभावित करता है.
वेट बबल (Wet Bubble)लक्षण: बटन मशरूम पर सफेद या क्रीम रंग का फफूंद दिखता है. मशरूम सड़ने लगते हैं.
वेट बबल (Wet Bubble) प्रबंधन: रोग से प्रभावित कम्पोस्ट को नष्ट करें. फसल के दौरान नमी और वेंटिलेशन का ध्यान रखें.कैप्टान या मैनकोज़ेब का छिड़काव करें.
4. ग्रीन मोल्ड (Green Mold)
यह रोग Trichoderma की विविध प्रजातियों के कारण होता है.
ग्रीन मोल्ड (Green Mold) लक्षण: कम्पोस्ट या कैसिंग पर हरे रंग की परत बनती है. बटन मशरूम का विकास रुक जाता है.
ग्रीन मोल्ड (Green Mold) प्रबंधन: कम्पोस्ट को अच्छी तरह से पाश्चुरीकृत करें. संक्रमण शुरू होते ही प्रभावित कम्पोस्ट को तुरंत हटा दें. 0.1% फार्मलीन का छिड़काव करें.
5. कॉप वॉब (Cobweb)
यह रोग Cladobotryum dendroides के कारण होता है.
कॉप वॉब (Cobweb) लक्षण: मशरूम के आसपास मकड़ी के जाले जैसे फफूंद बन जाते है . बटन मशरूम का विकास धीमा हो जाता है.
कॉप वॉब (Cobweb) प्रबंधन: फसल के दौरान नमी और तापमान का प्रबंधन करें. प्रभावित क्षेत्र में 2% ब्लीचिंग पाउडर का उपयोग करें. बेनलेट या कैप्टान का छिड़काव करें.
6. माइट और अन्य कीट जनित समस्याएं
माइट और अन्य कीट मशरूम को सीधे नुकसान पहुंचाते हैं और रोग फैलाने में सहायक होते हैं.
माइट और अन्य कीट जनित समस्यावों का प्रबंधन: कम्पोस्ट में कीटनाशक मिलाकर उनका निवारण करें.नियमित निगरानी और स्वच्छता का ध्यान रखें.कीटनाशकों का सीमित और सटीक उपयोग करें.
7. प्रबंधन के सामान्य उपाय
कम्पोस्ट प्रबंधन: कम्पोस्ट की पाश्चुरीकरण प्रक्रिया को सही तरीके से पूरा करें.
कैसिंग कीट प्रबंधन: पाश्चुरीकृत मिट्टी का उपयोग करें.
पर्यावरण प्रबंधन: तापमान, नमी और वेंटिलेशन का उचित नियंत्रण रखें.
स्वच्छता: उपकरण, फसल क्षेत्र, और कार्यस्थल की साफ-सफाई का ध्यान रखें.
निरंतर निगरानी: रोग के लक्षणों की पहचान और समय पर उपचार करें.
रसायन का उपयोग: उचित मात्रा और समय पर रसायन का उपयोग करें.