BY- Lokesh Nirwal
इसे किसान काला आलू कहते हैं. दरअसल, इसका रंग
काला होने की वजह से इसका नाम भी काला आलू ही हो गया.
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यह सफ़ेद आलू की किस्म से कई गुना तक सेहतमंद और
मोटी कमाई देने वाला आलू है.
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काले आलू में सफ़ेद आलू की तुलना में कई गुना
ज्यादा और अधिक पोषक तत्व होते हैं.
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इस आलू को डायबिटीज के रोगी को भी खिलाया जा सकता
है. इस आलू में सबसे ज्यादा एंटी ऑक्सीडेंट और फ्लोरिक एसिड पाया जाता है.
यह ह्रदय रोग, फेफड़ों संबंधी रोग और लीवर के लिए
भी फायदेमंद होता है. खून की कमी को पूरा करने के लिए भी यह आलू सबसे ज्यादा पसंद किया जाता
है.
भारत में यह काला आलू गोरखपुर और इसके आस-पास के
क्षेत्रों में उगाया जाने लगा है.
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काले आलू की खेती भी सफ़ेद आलू की तरह ही की
जा सकती है.
बाज़ार में जहां सफ़ेद आलू की कीमत 20-25 रुपये
प्रति किलो होती है. वहीं काले आलू की कीमत 100 रुपये प्रति किलो या इससे ज्यादा भी होती
है.