शकरकंद की खेती एक सदाबाहर फसल है, जिसकी उपज किसान सालभर प्राप्त कर सकते
हैं. लेकिन अच्छी पैदावार के लिए किसानों को इसे गर्मी और बारिश में लगाया जाता है
शकरकंद की लगभग 400 से ज्यादा किस्में हैं, लेकिन देश के अधिकतर किसान पूसा
सुनहरी, पूसा सफेद, कोंकण अश्विनी, राजेंद्र शकरकंद-5, कालमेघ, श्री रत्न क्रॉस-4, श्रीभद्रा, श्री
अरुण जैसी किस्मों की खेती करना पसंद करते हैं
शकरकंद की खेती के लिए सबसे अच्छी 5.8 से 6.7 पीएच के बीच दोमट या चिकनी
मिट्टी को माना जाता है, जो कार्बनिक तत्वों से भरपूर होती है
शकरकंद की खेती के लिए शीतोष्ण और समशीतोष्ण जलवायु सबसे उपयुक्त होती है.
इसकी खेती करने के लिए सबसे उपयुक्त तापमान 21 से 27 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए और बारिश 75
से 150 सेंटीमीटर तक होनी चाहिए
एक हैक्टेयर में आप शकरकंद की उन्नत किस्मों की खेती कर 25 टन पैदावार
प्राप्त कर सकते हैं. जिसे बाजार में आप 10 रुपये किलो के हिसाब से बेच के लगभग 2.5 लाख रुपए से
अधिक की कमाई कर सकते हैं