BY- Lokesh Nirwal
किसानों व पशुपालकों की आधे से ज्यादा
भेड़-बकरियां हमेशा बीमार रहती हैं. ज़्यादातर देखा गया है कि इनमें PPR बीमारी काफ़ी होती है. इसे
'बकरियों में महामारी' या 'बकरी प्लेग' के रूप में भी जाना जाता है.
पीपीआर एक वायरल बीमारी है, जो पैरामाइक्सोवायरस
के कारण होती है.
घरेलू जानवर और जंगली जानवर भी इस बीमारी से
संक्रमित होते रहते हैं, लेकिन भेड़ और बकरी इस बीमारी से सबसे ज्यादा संक्रमित होने वाले पशुओं
में से एक हैं.
PPR रोग मुख्य रूप से कुपोषण और परजीवियों से
पीड़ित मेमनों, भेड़ों और बकरियों में बहुत गंभीर और घातक साबित होता है.
ज्यादातर मामलों में, बीमार भेड़ और बकरी संक्रमण
के एक सप्ताह के भीतर मर जाते हैं.
यह रोग होते ही भेड़-बकरियों में बुखार, मुंह के
छाले, दस्त और निमोनिया हो जाता है, जिससे कभी-कभी इनकी मृत्यु हो जाती है.
पीपीआर रोग गर्भवती भेड़ और बकरियों में गर्भपात
का कारण भी बन सकता है.
पीपीआर को रोकने के लिए भेड़ और बकरियों का
टीकाकरण ही एकमात्र प्रभावी तरीका है.
वायरल रोग होने के कारण पीपीआर का कोई विशिष्ट
उपचार नहीं है. हालांकि, बैक्टीरिया और परजीवियों को नियंत्रित करने वाली दवाओं का उपयोग करके
मृत्यु दर को कम किया जा सकता है.