भारतीय बाजार में बासमती और गोल्डन सेला के अलावा भी तरह-तरह किस्मों के
चावल खरीदे और बेचे जाते हैं
हम में से ज्यादातर लोग चावल के अलग-अलग गुणों की वजह से तरह-तरह के चावल
खाना पसंद करते है
ऐसा ही एक भारतीय चावल जिसे काला नमक और भगवान बुद्ध के प्रसाद के नाम से
जानते है.ये अपनी खुशबू और स्वाद की वजह से विश्व भर में प्रसिद्ध है
काला नमक की कम पैदावार और महंगी कीमत की वजह से बाजार में इसकी मांग के
अनुसार आपूर्ति नहीं हो पाती
काला नमक की पैदवार बढ़ाने के लिए पिछले 15-16 वर्षों से इस दिशा में
आरएआरआई-पूसा काम कर रहा था
काला नमक की पैदवार बढ़ाने के लिए पूसा नरेन्द्र काला नमक और सीआरडी काला
नमक चावल तैयार किए गए है
पूसा द्वारा तैयार ये दोनों चावलों की पैदावार प्रति हेक्टेयर 4.5 से 5 टन
और स्वाद, खुशबू में बिल्कुल काला नमक चावल जैस ही हैं
पूसा नरेन्द्र काला नमक और सीआरडी काला नमक चावल भी पूर्वी उत्तर प्रदेश
के 11 जिलों में ही उगाए जा सकते है जहां काला नमक चावल पहले से पैदा हो रहे है
पूसा द्वारा तैयार इस साल इन दोनों चावलों के बीज किसानों को सीमित
मात्रा में ही मिलेगा. लेकिन अगले साल किसानों को बीज भरपूर मात्रा में मिलेंगे
किसान कृषि विज्ञान केन्द्र, बस्ती,कृषि विज्ञान केन्द्र, सिद्धार्थ
नगर, कृषि विज्ञान केन्द्र,चौकीमाफी, गोरखपुर से बीज ले सकते हैं
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