कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग क्या है? जानें इसके फायदे और नुकसान

Heading 3

Heading 3

Author-Priyambada Yadav

 कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में सरकार या बड़े किसान अपनी जमीन को पट्टे पर या कांट्रेक्ट पर दूसरे किसानों को खेती करने के लिए देते हैं

 कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के तहत खेती करने वाले किसान अपनी उपज कांट्रेक्टर के हिसाब से ही बेचनी पड़ती है. क्योंकि, इसमें फसल के दाम पहले से ही तय कर लिये जाते हैं

Credit Pinterest

 कांट्रेक्ट फार्मिंग के तहत खेती करने वाले किसान को लागत और नुकसान की चिंता नहीं करनी पड़ती. क्योंकि खेती की लागत और उसकी तकनीक की जिम्मेदारी कांट्रेक्टर की होती है

Credit Pinterest

अनुबंध खेती यानी कांट्रेक्ट फार्मिंग के तहत  बाजार में अच्छे दाम मिलने के बावजूद रजिस्टर्ड किसान खेत से निकली उपज को सिर्फ कांट्रेक्टर को ही बेचनी पड़ती है

Credit Pinterest

 कांट्रेक्ट फार्मिंग के जरिये किसानों को नई तकनीक सीखने और अच्छी गुणवत्ता की उत्पादन लेने में मदद मिलती है. इसलिए यह स्टार्ट अप करने वाले या युवा किसानों के लिए काफी लाभदायक होता है

Credit Pinterest

 कांट्रेक्ट फार्मिंग के तहत खेती करने पर किसान अपने मन से खेती में कोई योगदान नहीं दे सकते. क्योंकि किसान को कांट्रेक्टर के बताये गये समय, जमीन, खाद, बीज और तकनीक का इस्तेमाल करना होता है

ये भी पढ़ें

इन लोगों को भूलकर भी नहीं खाना चाहिए भिंडी

100 सालसे भी अधिक जीवित रहते हैं ये 8 जीव