काफल उत्तराखंड, हिमाचल और नेपाल के जंगलों में स्वयं उगने वाला एक औषधि फल
है. जो जमीन से 4000 फीट से 6000 फीट की उंचाई पर उगता है
काफल को बॉक्स मर्टल और बेबेरी के नाम से भी जाना जाता है. जो देखने में
छोटे बेरी जैसे गोल-गोल और लाल, गुलाबी रंग के होते है. इसके अलावा ये खाने में मीठे और बहुत रसीला
होते है.
काफल में कई तरह के औषधीय गुण मौजूद होते हैं. जिस वजह से इस फल के छाल,
फूल, बीज आदि का इस्तेमाल आयुर्वेद में कई तरह की दवाईयों को बनाने में भी किया जाता है
काफल के पेड़ में मार्च के महीने से फल आने शुरू हो जाते हैं और
अप्रैल महीने की शुरुआत के बाद से ही ये पक कर हरे-भरे फल लाल रंग के हो जाते हैं.
पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने के लिए आप काफल का सेवन कर सकते हैं. क्योंकि
एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर काफल डायरिया, अल्सर, जलन, सूजन, जैसी बीमारियों को दूर करने में मदद करता
है