Author- Priyambada Yadav

  भारत की पहली महिला महावत को मिला पद्मश्री सम्मान

  अकसर आपने पुरुषों को ही हाथियों के महावत के तौर पर देखा होगा

गुवाहाटी की पार्वती बरुआ इसी रूढ़िवादी विचार को चुनौती देती है 

 असम की 67 वर्ष की पारबती बरुआ को हाथी की परी के नाम से भी जाना जाता है

पार्बती कई लोगों की जान बचाने, जंगली हाथियों से निपटने और उन्हें पकड़ने में तीन राज्य सरकारों की सहायता की है

इस गणतंत्र दिवस पर पारबती बरुआ को भारत की पहली महिला महावत पशु कल्याण के क्षेत्र में  पद्मश्री से नवाजा गया है

पार्बती एशियन एलीफैंट स्पेशलिस्ट ग्रुप IUCN की सदस्य हैं. जिस वजह से उनके जीवन पर कई डॉक्यूमेंट्री भी बनी हैं 

कोलकाता इंटरनेशनल वाइल्डलाइफ एंड एनवायर्नमेंटल फिल्म फेस्टिवल ने पार्वती को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया 

67 वर्षीय पार्बती बरुआ एक संपन्न पृष्ठभूमि से आती हैं, फिर भी उन्होंने अपनी जिंदगी को हाथियों को समर्पित करने का निर्णय लिया है

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