पाले के समय किसान अपने खेतों की हल्की सिचाई
करें, जिससे जमीन का तापमान बढ़ जाएगा
अपनी उपज को बचाने के लिए पौधों को
पॉलिथीन से ढक कर रखें
दक्षिण पूर्वी भाग खुला रखें ताकि नर्सरी में
सुबह और दोपहर की धूप मिलती रहे
खेत के उत्तर-पूर्व दिशा में रात को 10-12 बजे के
बीच कूड़ा-कचरा जलाएं, जिससे आसपास के तापमान में बढ़ोतरी होगी और पाले का खतरा कम
होगा
खेत में हवा रोकने वाले पेड़ों की बाड तैयार करें,
ताकि पाले का प्रभाव कम हो सके
अगर फसल में पाला लग चुका है तो रिकवरी के लिए
उचित मात्रा में पानी में NPK 18:18:18, 19:19:19 और 20:20:20 की 5 ग्राम मिश्रण करके
छिड़काव करें
घुलनशील सल्फर को 80% की 3 ग्राम, थायोयूरिया 4-5
ग्राम और बेन्टीनाइट सल्फर 3 ग्राम प्रति लीटर की दर से मिलाकर भी छिड़काव कर सकते
हैं
सल्फर डस्ट 8-10 किलोग्राम प्रति एकड़, म्यूरेट
आफ पोटाश 150 ग्राम प्रति टंकी और 1.5 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से 150 लीटर पानी में मिलाकर
भी छिड़काव कर सकते हैं.