BY- Lokesh Nirwal

कहीं आप भी तो नहीं खा रहे प्लास्टिक वाला चावल

विश्व में भारत चावल का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है.

व‍िश्व के कुल चावल एक्सपोर्ट में ह‍िस्सेदारी लगभग 40% है. इसके अलावा, भारत व‍िश्व के कुल चावल उत्पादन में 26% चावल उत्पादन हिस्सेदारी के साथ दूसरे नंबर पर है.

अब बाजार में नकली प्लास्टिक चावल आ गया है. लोग छोटे पैमाने पर किराने की दुकानों से चावल खरीदते हैं. ऐसे में आइए नकली प्लास्टिक चावल और असली चावल के बीच अंतर जानते हैं-

पानी का टेस्ट

एक बड़ा चम्मच चावल लें और उसे पानी में डालकर कुछ देर तक चलाते रहें. अगर चावल पानी से ऊपर आने लगे तो समझ लें कि चावल 100% नकली है, क्योंकि असली चावल कभी भी पानी पर तैरता नहीं है.

गर्म तेल में टेस्ट करें

एक पैन में तेल गर्म करें, फिर इसमें लगभग आधा कप चावल डालें, अगर यह प्लास्टिक का बना होगा तो यह पिघल जाएगा और एक दूसरे से चिपक जाएगा और पैन के तले पर भी चिपक जाएगा.

आग का टेस्ट 

एक मुट्ठी चावल लें और उसे एक कागज पर रखकर जला लें. अगर चावल से प्लास्टिक जलने जैसी गंध आए तो जान लें कि यह चावल खाने लायक नहीं है.

पानी उबालकर 

एक बड़े बर्तन में दो मुट्ठी चावल उबालें. अगर चावल नकली है तो पानी की ऊपरी सतह पर एक मोटी परत बन जाएगी, जो प्लास्टिक मटेरियल की होगी.

फंगल टेस्ट

 एक बोतल में चावल को भरकर 3 दिन के लिए रख दें. अगर इस दौरान चावल में फंगस लगने लगे तो यह असली है, क्योंकि प्लास्टिक में फंगस नहीं पकड़ता है.

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