बेल का सेवन शरीर में कफ, वात विकार, दस्त, बदहजमी, मूत्र रोग, डायबिटीज, पेचिश, ल्यूकोरिया के लिए भी कारगर औषधि है.
विशेषज्ञों की मानें तो बेल के पत्ते से बना चूर्ण गर्भ निरोधक में काफी ज्यादा कारगर साबित हुआ है.
बेल के पत्ते का चूर्ण कैंसर होने की संभावना को काफी हद तक कम कर देता है. यह शरीर की किसी भी प्रकार के सूजन, पेट सम्बंधित समस्या में काफी लाभकारी है.
मधुमेह रोगियों के लिए बेल का पत्ता बहुत लाभदायक माना गया है. बेल की पत्तियों को पीसकर उसके रस का रोजाना 2 बार सेवन कर सकते हैं.
बेल के कच्चे फल को आग में अच्छे से सेंक लें. फिर इसके 10 से 20 ग्राम गूदे को चीनी के साथ रोजाना दिन में 3 से 4 बार सेवन करें.
मूत्र रोग की समस्या से राहत पाने के लिए 10 ग्राम बेलगिरी, 5 ग्राम सोंठ को अच्छे से कूट कर 400 ml पानी में डालकर काढ़ा बना लें. फिर इस काढ़े को रोजाना सुबह व शाम सेवन करें.
बेल की जड़ या फिर लकड़ी को पानी में पीसकर फोड़े-पुंसियों पर लगाएं. इससे जलन से राहत मिलेगी और जल्दी ठीक होंगे.