इसमें फाइबर, मिनरल, प्रोटीन और विटमिन बी कॉम्प्लेक्स जैसे कई पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. इसके अलावा ज्वार में काफी मात्रा में पोटेशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम और आयरन भी होता है.
बाजरे में सोडियम, प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इसके सेवन से पाचन तंत्र मजबूत होता है और ये पेट दर्द, गैस,एनीमिया जैसी दिक्कतों को दूर करता है.
इसमें कैल्शियम भरपूर मात्रा में मौजूद होता है. ये डायबिटीज में फायदेमंद हो सकते हैं. कैल्शियम के अलावा रागी में प्रोटीन, पोटैशियम, आयरन, फाइबर भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं.
यह भारत की एक प्राचीन फसल है. इसका चारा पशुओं के लिए काम आता है. इसमें चावल की तुलना में पोषक तत्वों के साथ-साथ प्रोटीन की पाचन योग्यता 40 प्रतिशत तक पाई जाती है.
इसमें मैग्नीशियम, फाइबर, आयरन, फास्फोरस, कैरोटिन, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, विटामिन, मिनिरल्स, पोटेशियम आदि मौजूद होते हैं.
चीना कई पोषण तत्वों से भरपूर होता है. इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैैं.
इसके दानों को चावल के रूप में खाया जाता है. इसमें 8.3 प्रतिशत प्रोटीन,1.4 प्रतिशत वसा और 65.9 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट पाई जाती है. घेघा रोग,रूसी की समस्या,पेट से संबंधित बीमारी व बवासीर में लाभकारी है.
यह एक ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों के लिए फायदेमंद माना जाता है. कुटकी बुखार और वजन को कंट्रोल करने के लिए काफी प्रभावी हो सकती है.
कुट्टू में पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इसमें आयरन,मैग्नीशियम,फाइबर और प्रोटीन होता है. इसके अलावा, इसमें सभी आवश्यक 8 अमीनो एसिड पाए जाते हैं.