खेती के दौरान किसानों को जमीन की उर्वरता पर विशेष ध्यान देना चाहिए.
क्योंकि जमीन जितनी उर्वर होगी, फसल का उत्पादन भी उतना ही अच्छा होगा
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार किसान अपने खेत में सल्फर, जिंक सल्फेट की कमी
को पूरा करने के लिए ढैंचा को बोकर हरी खाद बना इस्तेमाल कर सकते हैं
जिन किसानों को धान की रोपाई करनी है वह अपने खेतों की उर्वरा क्षमता को
बढ़ाने के लिए खाली खेतों में ढैंचा समेत कई तरह की तिलहनी फसलों की बुवाई कर सकते है
हमारे देश में कई तरह की जलवायु पाई जाती हैं. इसलिए किसान अपने क्षेत्र के
जलवायु के अनुसार फसल का चयन और बुवाई कर अच्छी उपज पा सकते हैं
जमीन की उर्वरता बढ़ाने के लिए आप ढैंचा की सी. एस. डी. 137, सी. एस.
डी. 123, पन्त ढैंचा - 1, पंजाबी ढैंचा - 1 और हिसार ढैंचा - 1 जैसी उन्नत किस्में की बुवाई कर सकते
है