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इस किसान ने खड़ा किया केंचुए से खाद बनाकर करोड़ों का कारोबार, बड़ी कंपनी भी इनके सामने कुछ नहीं

ये किसान दे रहा है बड़ी कपंनियों को टक्कर, केंचुए से खाद बनाकर खड़ा किया करोड़ों का कारोबार हो आग मेरे हौसले में अगर तो ज़िंदगी में ऊंची उड़ान लगाएंगे। बनेगा कोई चट्टान मेरे रास्ते की रुकावट अगर, तो उसे भी काट कर हम अपने रास्ते बनाएंगे।।

ये किसान दे रहा है बड़ी कपंनियों को टक्कर, केंचुए से खाद बनाकर खड़ा किया करोड़ों का कारोबार

हो आग मेरे हौसले में अगर तो ज़िंदगी में ऊंची उड़ान लगाएंगे।

बनेगा कोई चट्टान मेरे रास्ते की रुकावट अगर, 

तो उसे भी काट कर हम अपने रास्ते बनाएंगे।।

तारीफ तो आप भी करने की सोच रहे होंगे मेरे द्वारा लिखी गई इस लाइन के लिए। हां हां बिल्कुल हम आपको धन्यवाद बोलने के लिए भी उतने ही बेचैने हैं जितना आप मेरी तारीफ के लिए।

धन्यवाद!

अब क्या करें आप लोग कभी हमें फोन करके धन्यवाद देते ही नहीं हैं, न कभी कमेंट बॉक्स में। चलिये कोई बात नहीं अब आप लोगों ने फोन करके तारीफ करने की सोच ही ली है तो हम भी उसका इंतज़ार करेंगे।

वैसे आज तारीफ की बात निकल ही गई है तो चलिए आपको उस शख्स से भी मिलवाते हैं जो वाकई में तारीफ के हकदार हैं ! जिन्होंने खेती को अपनी हथियार बनाकर एक मिसाल पेश किया है। वैसे तो इनके नाम से ज्यादा काम की तारीफ है लेकिन, इनसे आपको रु-ब-रु कराना भी जरूरी है। इस किसान का नाम ज्ञासी अहिरवार है और यह उत्तरप्रदेश के बुंदेलखंड जिले के रहने वाले हैं। बिल्कुल आप अगर इन्से मिलने की सोच रहे हैं तो वक्त निकालकर मिल कर मिलकर आइये। वैसे हमने तो इन्से काफी कुछ सीख लिया है शायद आपको भी कुछ सीखने का मौका मिले।

किसान ज्ञासी अहिरवार ने लगभग 20 किलो केंचुए से खाद बनाकर अपने कारोबार को शुरू किया था लेकिन आज 50 टन जैविक खाद बनकर तैयार है। ज्ञासी केंचुआ खाद और वर्मी कम्पोस्ट बनाने के साथ ही जैविक खेती को बढ़ाने पर भी जोर देते हैं। वहकरीब 20 एकड़ खेत में जैविक ढंग से खेती भी करते हैं। और इनके द्वारा बनाया गया खाद और जैविक सब्जियों की मांग दूसरे जिलों में भी रहती है, जिससे इन्हें अच्छा खासा मुनाफा मिलता है।

 अपने बारे में उन्होंने बताया की वो ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं हैं इसलिए नौकरी की उम्मीद उन्हें शुरू से ही नहीं थी। इस कारण उन्होंने कुछ अलग करने की सोची और उनको जैविक खाद बनाने की चाह बहुत पहले से ही थी क्योंकि वो इस बारे में हमेशा सुनते थे। लेकिन समस्य यह थी आस-पास कोई जैविक खाद पर कार्य नहीं करता था।  

आगे उन्होंने कार्य को करने के लिए बैंक से 10 लाख रुपये का लोन लिया और करीब 12 साल पहले उन्होंने 20 किलो केंचुए से अपने बिजनेस की शुरुआत की। शुरुआत में ही कुछ संस्थाओं ने तीन लाख की खाद उनसे खरीद ली। जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ गया और फिर उन्होंने इसे आगे बढ़ाते हुए इस पर खुब कार्य किया। आज की तारीख में उनके पास करीब 5 करोड़ रुपये का खाद इकट्ठा है।

उनके अनुसार एक किलो केचुआ 610 रुपये का मिलता है, वर्मी कम्पोस्ट के एक किलो के पैकेट का 15 से 20 रुपये मिल जाता है, इसका इस्तेमाल लोग गमलों से लेकर किचेन तक में करते हैं, ताकि उनके घर के पेड़-पौधे स्वस्थ्य रहें।

हर कोशिशों में छुपी होती है सफलता की आयाम ज़िंदगी की।

बड़ी ही मेहनतों से हासिल होती है सफल मुकाम ज़िदगी की।।

कोई बात नहीं एक बार फीर से तारीफ कर दिजिए। बस उपर्युक्त लिखे शब्द कोशिश, मेहनत, सफलता इन पर ध्यान दिजिए। और हां आप भूलिएगा नहीं हम आपके फोन का इंतज़ार कर रहे हैं, जी बिल्कुल धन्यवाद सुनने के लिए।

 

जिम्मी
कृषि जागरण दिल्ली

English Summary: This farmer has created a manure by making manure from the earthworms, the big company is nothing in front of them. Published on: 27 June 2018, 09:02 AM IST

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