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अगर किसान भाई यह कार्य जल्दी करे तो, अच्छा रहेगा

देश के निचले इलाकों में बरसीन व जई तैयार हो गई है, इसलिए दाना मिश्रण में खली की मात्रा पांच फीसद तक घटाई जा सकती है। जिन इलाकों में सूखे चारे ही खिलाने के लिए उपलब्ध हों, वहां प्रत्येक पशु को 40 ग्राम रोजाना खनिज मिश्रण अवश्य खिलाएं।

पशुओं का समय पर करवाएं गर्भाधान

देश के निचले इलाकों में बरसीन व जई तैयार हो गई है, इसलिए दाना मिश्रण में खली की मात्रा पांच फीसद तक घटाई जा सकती है। जिन इलाकों में सूखे चारे ही खिलाने के लिए उपलब्ध हों, वहां प्रत्येक पशु को 40 ग्राम रोजाना खनिज मिश्रण अवश्य खिलाएं। जब भी पशु गर्मी में आए तो इनका रिकॉर्ड रखें व उपयुक्त समय पर कृत्रिम गर्भाधान करवाएं। थनों को फटने से बचाने के लिए उन पर दूध की जगह मक्खन या देसी घी के साथ ¨जक ऑक्साइड मिलाकर लगाएं। दूध देने वाले पशुओं से बयाने के दो माह पहले दूध लेना बंद कर दें। गर्भाधान टीका लगवाने के दो से तीन माह के अंदर गायों व भैसों की गर्भधारण जांच करवा लें।

गेहूं में खरपतवार नियंत्रण के लिए करें आइसोप्रोटूरान की स्प्रे

गेहूं के खेतों में खरपतवार नियंत्रण के लिए आइसोप्रोटूरान 75 डब्ल्यूपी की 70 ग्राम मात्रा 30 लीटर पानी में घोलकर प्रति कनाल छिड़काव करें। इसके अलावा चौड़ी पत्ती वाले खरतपवारों की समस्या से निपटने के लिए आइसोप्रोटूरान 75 डब्ल्यूपी 70 ग्राम, सोडियम 80 डब्ल्यूपी 50 किलोग्राम प्रति कनाल 30 लीटर पानी में घोलकर छिड़कें। छिड़काव से दो-तीन दिन पहले हल्की सिंचाई कर सकते हैं। छिड़काव के बाद एक सप्ताह ¨सचाई न करें। यह सलाह कृषि विवि पालमपुर के प्रसार निदेशालय के वैज्ञानिकों ने दी है। उन्होंने कहा कि हल्की बारिश के बाद जमीन में नमी आ गई है, इसलिए किसान खेतों में उर्वरकों की कुछ मात्रा डालें।

गोभी सरसों में फूल आने से पहले

गोभी सरसों में फूल आने से पहले यूरिया 125 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से डालें। पौधों की संख्या अगर खेत में अधिक हो तो यूरिया डालने से पहले फालतू पौधों को निकाल दें। मूली की सुधरी किस्म पूसा हिमानी की बिजाई समतल खेतों में या मेढ़ें बनाकर 20 से 25 वाई पांच सेंटीमीटर की दूरी पर करें। खेतों में बिजाई से पहले बीज में बराबर मात्रा में सूखी रेत मिलाएं। फूलगोभी, बंदगोभी व ब्रॉकली में फूल बनने का समय नजदीक आ रहा है। इन सब्जियों में नत्रजन 40-50 किग्रा. यूरिया प्रति हेक्टेयर डालें। प्याज की फसल में निराई-गुड़ाई करें। आलू में मिट्टी चढ़ाने के समय यूरिया 125 किग्रा. प्रति हेक्टेयर के हिसाब से फसलों में डालें।

चने की फसल को सुंडी से बचाने के लिए छिड़कें एनपीवी

चने की फसल को फली छेदक सुंडी से बचाने के लिए एनपीवी (359-500 एलई प्रति हेक्टेयर) के घोल का छिड़काव करें। 50 प्रतिशत फूल आने पर अजोडिरोक्टिन (0.03 प्रतिशत) या मोनोक्रोटोफास 36 एसएल 875 मिली. को 625 पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें। प्याज में डाउनी मिल्डयू व परपल ब्लाच की रोकथाम के लिए मैन्कोजेब या रिडोमिल एम. जैड (2.5 ग्राम प्रति लीटर पानी की स्प्रे करें।

English Summary: If the farmer's brother hurried up this task, then it will be good Published on: 05 February 2018, 06:33 AM IST

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