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जैविक खेती कर हरिवंश बने किसानों के प्रेरणास्रोत

नालंदा जिले का नगरनौसा प्रखण्ड का एक गाँव है प्रेमन बिगहा। यहां के किसान पारम्परिक तौर-तरीकों से खेती करते थे। कभी रोग बिमारियों का प्रकोप, तो कभी उत्पादन ठीक-ठाक हो गया तो बाजार की समस्या मुँह बाये सामने खड़ी हो जाती थी। खाद, बीज व दवाओं के लिए सेठ-साहुकारों पर निर्भरता थी। इसी गाँव के हरिवंश प्रसाद सिंह काफी चिंतित थे

नालंदा जिले का नगरनौसा प्रखण्ड का एक गाँव है प्रेमन बिगहा। यहां के किसान पारम्परिक तौर-तरीकों से खेती करते थे। कभी रोग बिमारियों का प्रकोप, तो कभी उत्पादन ठीक-ठाक हो गया तो बाजार की समस्या मुँह बाये सामने खड़ी हो जाती थी। खाद, बीज व दवाओं के लिए सेठ-साहुकारों पर निर्भरता थी। इसी गाँव के हरिवंश प्रसाद सिंह काफी चिंतित थे क्योंकि खेती ही उनकी जीविका का साधन था। बच्चों की पढ़ाई से लेकर जीवन-यापन सब कुछ खेती से होना था। इसी दौरान जैविक गाँव सोहडीह में प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा था, उनको वहां जाने का मौका मिला। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद किसानों से बातचीत की और खेतों को घूम-घूमकर देखा। यहीं से उन्हें जैविक सब्जी उत्पादन करने का विश्वास जगा। अगले दिन हरिवंश प्रसाद सिंह ने बिहारशरीफ जाकर जिला उद्यान पदाधिकारी से मुलाकात कर कार्य योजना बनाई गाँव आकर लोगों को जागरूक करने में लग़ गए। साथ ही समूह में सब्जी उत्पादन करने के लिए किसानों को संगठित कर हरित कृषक हित समूह प्रेमन बिगहा के नाम से औपचारिकताएँ पूरी की। ड्रिप सिंचाई के लिए सभी किसानों के यहाँ उद्यान विभाग से अनुदान पर ड्रिप लगवायें। वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन के लिए वर्मी कम्पोस्ट यूनिट की स्थापना हुई और जैविक सब्जी उत्पादन प्रारम्भ हो गया।

हरिवंश प्रसाद सिंह समय-समय पर विभाग से प्रशिक्षण लेते रहते हैं और अपने गांव के दूसरे किसानों को भी प्रशिक्षण दिलवाने में कभी पीछे नहीं रहे। हरिवंश प्रसाद कहते हैं कि सब्जी उत्पादन में ड्रिप सिंचाई पद्धति वरदान साबित हुई है, क्योंकि आवश्यकता भर पानी फसलों को मिलता है। अधिक सिंचाई से फसल का उत्पादन घट जाता है। ड्रिप से उतना ही पानी फसल को मिलता है। जैविक विधि से उत्पादित सब्जियों को अधिक समय तक भण्डारित किया जा सकता है, स्वाद भी बेहतर होता है। रोग बीमारियों को प्रकोप भी कम हो गया।

उन्होंने कहा कि जैविक खेती में नव भारत फर्टिलाइजर्स लिमिटेड के उत्पाद विजया, ग्रोमीन, विनजाइम जी, बायो फर्टीलाइजर, जेम्सवौंड, विजेता (माइक्रो न्युट्रीन्स) इत्यादि जैविक खेती में प्रयोग कर रहा हूँ। जो कि खेती के लिए वरदान साबित हो रहा है और पैदावार में भी वृद्धि हो रही है।

आज हरिवंश सिंह के प्रयास से समूह में 120 किसानों द्वारा 33 हैक्टेयर में सभी प्रकार की सब्जियों का उत्पादन जैविक विधि से किया जा रहा है। जैविक सब्जी की खेती के बल पर हरिवंश प्रसाद सिंह अपने बच्चों को डाक्टर व इंजीनियर बनाने में सफल रहे। समूह के सभी किसान आर्थिक व सामाजिक प्रतिष्ठा हासिल कर अपने पथ पर अग्रसर हैं। इन्हीं सफलता को देखते हुए हरिवंश का जिला व राष्ट्रीय स्तर पर कई पुरस्कार मिला।

अधिक जानकारी के लिए किसान भाई संपर्क करें-

श्री हरिवंश प्रसाद

प्रेमनबिगहा, नगरनौसा, जिला-नालंदा, मो.- 9939081544

 

संदीप कुमार

स्टेट इंचार्ज, कृषि जागरण, बिहार

मो.- 09931838846

ई मेल.- sandip@krishijagran.com

English Summary: Farmers' inspiration as organic farming Published on: 15 February 2018, 12:33 AM IST

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