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मात्र 2 लाख में शुरू कर इस बिज़नेस में मिल सकता है अच्छा मुनाफा, सरकार दे रही 25 प्रतिशत सब्सिडी

ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगो की कमाई का सिर्फ एक ही जरिया होता है खेती, लेकिन खेती में अधिक मुनाफा न होने के चलते ग्रामीण लोग यहाँ से पलायन करते नजर आते है. इसी समस्या से निपटने के लिए सरकार भी कई तरीके से प्रयास कर रही है. इसमें छोटे, छोटे उद्योग धंधे भी शामिल है. कुछ ऐसे काम है जिनको ग्रामीण क्षेत्र के लोग आसानी से कम पूँजी लगाकर कर सकते हैं. डिस्पोजल हम पानी रोजमर्रा

शुरुआत में लगाए छोटी मशीन 
डिस्‍पोजेबल कैटरिंग प्रोडक्‍ट की मांग अर्बन और रूरल दोनों में होती है. रूरल एरिया में अधिकतर पेपर प्‍लेट की मांग होती है. इसके लिए छोटी मशीनों से काम किया जा सकता है.  पेपर कप-प्‍लेट ऑटोमैटिक मशीन का बाजार में प्राइस 2 से 3 लाख रुपए के बीच है. मशीन लेने के बाद आपको रॉ मटेरियल खरीदना होता है इसके बाद आप काम शुरू कर सकते हैं.कच्चा माल आसानी से उपलब्ध हो जाता है. 

किस उत्पाद से होगा अधिक फायदा 
इस व्यवसाय में थर्मोकोल प्रोडक्‍ट में बड़ा फायदा. पॉलीथिन के विभिन्‍न जगहों पर प्रतिबंध लगने के बाद थर्मोकॉल  व पेपर प्रोडक्‍ट का चलन बढ़ा है. थर्मोकॉल  कप-प्‍लेट बनाने की मशीन खरीदने के लिए भी आपको 2 से 3 लाख रुपए खर्च करने होंगे. अपनी मार्केटिंग क्षमता के अनुसार आपको चुनाव करना होगा कि पहले आप क्‍या प्रोडक्‍ट बेच सकते हैं. इसके बाद आप रॉ मटेरियल खरीद कर अपने घर या किसी दुकान में बिजनेस शुरू कर सकते हैं.  मैन्‍युफैक्‍चरिंग शुरू करने के बाद आपको मार्केटिंग भी अच्‍छी करनी होगी जिससे आप हर जगह अपने माल को इंट्रोड्यूस करा सकें. थर्मोकॉल की प्‍लेट को ही अगर मॉडल माने तो एक किलोग्राम रॉ मटेरियल से 300 प्‍लेट तैयार होती हैं. एक किलो थर्मोकॉल  का मटेरियल 200 से 250 रुपए प्रति किलोग्राम मिलता है जबकि, प्‍लेट की बिक्री 200 से 300 रुपए प्रति 100 प्‍लेट होती है. इस तरह कम से कम अगर आप दिन में 1 हजार प्‍लेट भी बनाते हैं तो 60 से 80 हजार रुपए महीना होता है. इसमें से खर्च निकालकर मुनाफा देखें तो शुरूआती समय में 50 हजार रुपए महीना तक कमा सकते हैं. माल तैयार होने के बाद जो वेस्‍टेज बचती है वह भी रिसाइक्लिंग के लिए 50 फीसदी प्राइस पर बिक जाती है.

शुरुआत में लगाए छोटी मशीन 
डिस्‍पोजेबल कैटरिंग प्रोडक्‍ट की मांग अर्बन और रूरल दोनों में होती है. रूरल एरिया में अधिकतर पेपर प्‍लेट की मांग होती है. इसके लिए छोटी मशीनों से काम किया जा सकता है.  पेपर कप-प्‍लेट ऑटोमैटिक मशीन का बाजार में प्राइस 2 से 3 लाख रुपए के बीच है. मशीन लेने के बाद आपको रॉ मटेरियल खरीदना होता है इसके बाद आप काम शुरू कर सकते हैं.कच्चा माल आसानी से उपलब्ध हो जाता है. 

किस उत्पाद से होगा अधिक फायदा 
इस व्यवसाय में थर्मोकोल प्रोडक्‍ट में बड़ा फायदा. पॉलीथिन के विभिन्‍न जगहों पर प्रतिबंध लगने के बाद थर्मोकॉल  व पेपर प्रोडक्‍ट का चलन बढ़ा है. थर्मोकॉल  कप-प्‍लेट बनाने की मशीन खरीदने के लिए भी आपको 2 से 3 लाख रुपए खर्च करने होंगे. अपनी मार्केटिंग क्षमता के अनुसार आपको चुनाव करना होगा कि पहले आप क्‍या प्रोडक्‍ट बेच सकते हैं. इसके बाद आप रॉ मटेरियल खरीद कर अपने घर या किसी दुकान में बिजनेस शुरू कर सकते हैं.  मैन्‍युफैक्‍चरिंग शुरू करने के बाद आपको मार्केटिंग भी अच्‍छी करनी होगी जिससे आप हर जगह अपने माल को इंट्रोड्यूस करा सकें. थर्मोकॉल की प्‍लेट को ही अगर मॉडल माने तो एक किलोग्राम रॉ मटेरियल से 300 प्‍लेट तैयार होती हैं. एक किलो थर्मोकॉल  का मटेरियल 200 से 250 रुपए प्रति किलोग्राम मिलता है जबकि, प्‍लेट की बिक्री 200 से 300 रुपए प्रति 100 प्‍लेट होती है. इस तरह कम से कम अगर आप दिन में 1 हजार प्‍लेट भी बनाते हैं तो 60 से 80 हजार रुपए महीना होता है. इसमें से खर्च निकालकर मुनाफा देखें तो शुरूआती समय में 50 हजार रुपए महीना तक कमा सकते हैं. माल तैयार होने के बाद जो वेस्‍टेज बचती है वह भी रिसाइक्लिंग के लिए 50 फीसदी प्राइस पर बिक जाती है.

धीरे-धीरे बढाए बिज़नेस 
थर्मोकॉल  के अलावा पेपर कप व बॉउल बनाने की मशीन भी 3 लाख रुपए तक में मिल जाती है. बाजार में कॉफी और कोल्‍डड्रिंक्‍स के लिए पेपर कप व गिलास का इस्‍तेमाल किया जाता है. ऐसे में अगर आप रेस्‍टोरेंट या कंपनियों से करार करने में सक्षम हैं तो उनके लेबल के साथ माल तैयार कर आप सप्‍लाई कर सकते हैं. इस तरह आप लंबे समय तक और सुनिश्चित कमाई का स्रोत तैयार कर सकते हैं.

सरकार द्वारा दी जा रही सब्सिडी  
सरकार प्रधानमंत्री इम्‍प्‍लॉयमेंट जनरेशन प्रोग्राम के तहत 90 फीसदी तक लोन देती है. खादी ग्रामोद्योग में भी डिस्‍पोजेबल कैटरिंग प्रोडक्‍ट मेकिंग व्‍यवसाय को लिस्‍ट किया गया है. इन सभी योजनाओं में व्‍यवसाय करने के लिए आपको 90 फीसदी तक लोन मिलता है. खादी ग्रामोद्योग व अन्‍य कई योजनाओं में लोन राशि पर देय ब्‍याज पर सब्सिडी का प्रावधान भी मौजूद है. इस प्रोजेक्‍ट को 25 फीसदी तक सब्सिडी भी दी जाती है.  

English Summary: Rural Business Published on: 02 February 2018, 04:14 AM IST

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