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अगर फेसबुक चलाना है तो हर महीने देना पड़ेगा इतना रुपया...

सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफार्म है जहाँ पर हर वर्ग हर उम्र के लोग एक दूसरे से जुड़े हुए है. सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफार्म है जहाँ सेलिब्रिटी से लेकर एक आम आदमी भी अपने विचार रख सकता है. आज के समय में बिना सोशल मीडिया चलाये रहना बेहद मुश्किल हो गया है अपनी मर्ज़ी से तो शायद भी कोई सोशल मीडिया को छोड़ने को तैयार हो.

सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफार्म है जहाँ पर हर वर्ग हर उम्र के लोग एक दूसरे से जुड़े हुए है. सोशल मीडिया एक ऐसा प्लेटफार्म है जहाँ सेलिब्रिटी से लेकर एक आम आदमी भी अपने विचार रख सकता है. आज के समय में बिना सोशल मीडिया चलाये रहना बेहद मुश्किल हो गया है अपनी मर्ज़ी से तो शायद भी कोई सोशल मीडिया को छोड़ने को तैयार हो.

क्या आपने कभी सोचा था कि GST का असर सोशल मीडिया तक आ जायेगा और आपको सोशल मीडिया चलाने के लिए भी टैक्स देना पड़ेगा, जी हाँ ऐसा कर दिखाया है युगांडा की सरकार ने. युगांडा की संसद ने सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वालों पर टैक्स लगाने के कानून को मंजूरी दे दी है। इस कानून के तहत जो लोग भी फेसबुक, व्हॉट्सऐप, वाइबर और ट्विटर जैसे सोशल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करेंगे, उन्हें हर दिन के हिसाब से करीब तीन रुपये 36 पैसे देने होंगे।

टैक्स लगाने का कारण

युगांडा के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवनी ने कहा कि इस टैक्स को लगाने का कारण यह की इससे हम बढ़ती अफवाहों को रोक सकेंगे। क्यूंकि आये दिन फेसबुक ट्विटर पर देखने को मिलता है की अफवाहे,  कमैंट्स, आपत्तिजनक बयान देते हुए नज़र आता है ऐसे में ये टैक्स इन अफवाहों को रोकने में सक्षम होगा।

हालाँकि यह टैक्स लागू कर दिया गया है एक जुलाई से यह शुरू हो जायेगा लेकिन परेशानी यह है कि इस नियम को कैसे लागू किया जाये। क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि इस तरह के टैक्स की वजह से युगांडा का ग़रीब वर्ग बुरी तरह से प्रभावित होगा। युगांडा के वित्त मंत्री डेविड बहाटी ने संसद में कहा कि यह बढ़े हुए टैक्स युगांडा के राष्ट्रीय कर्ज़ को कम करने के लिए लगाए गए हैं। रॉयटर्स की खबर के मुताबिक, देश में 2.3 करोड़ मोबाइल सब्सक्राइबर्स हैं जिनमें से केवल 1.7 करोड़ ही इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि अब तक ये स्पष्ट नहीं हो सका है कि अधिकारी ये कैसे पता करेंगे कि कौन सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर रहा है और कौन नहीं।

युगांडा के राष्ट्रपति मुसेवनी ने मार्च में ही इस कानून को लागू करने की कोशिश शुरू कर दी थी. उन्होंने वित्त मंत्रालय को एक पत्र भेजा जिसमें उन्होंने लिखा था कि सोशल मीडिया पर टैक्स लगाना देश हित में होगा और इससे अफ़वाहों को रोकने में भी मदद मिलेगी। लेकिन वित्त मंत्रालय की ओर से जवाब में कहा गया था कि सोशल मीडिया पर टैक्स नहीं लगाया जाना चाहिए क्योंकि इसका इस्तेमाल शिक्षा और रिसर्च के लिए किया जाता है। आलोचकों का कहना कि यह कानून अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बाधित करेगा लेकिन मुसेवनी ने इन सब बातो को यह कह कर खारिज कर दिया की इस टैक्स के बाद लोग नेट का प्रयोग काम करेंगे।

भारत में लागू होगा यह नियम या नहीं

भारत में सोशल मीडिया के बढ़ते अपराध के लिए अभी तक तो कोई लॉ पास नहीं किया गया। पर कुछ लोगो की माने यह टैक्स भारत में फायदेमंद सबित होगा। पवन दुग्गल जो कि एक वकील होने के साथ साथ साइबर कानून विशेषज्ञ भी है. उनका मानना है कि यह टैक्स लगना चाहिए क्योंकि फेसबुक पर जैसे अफवाहे फैलती है इन पर काबू करने के लिए यह टैक्स जरुरी है लेकिन साथ ही वह यह भी मानते है कि यह एक मुश्किल प्रक्रिया है।

By

Varsha

English Summary: If you have to run Facebook then you will have to pay so much money every month ... Published on: 02 June 2018, 06:38 AM IST

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