1. Home
  2. ख़बरें

किसान आय दो गुनी के इन सात मंत्रों पर सरकार कर रही काम

केंन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा है कि सरकार अन्न एवं कृषि उत्पादों के भण्डारो के साथ किसान की जेब को भरा व् उनकी आय को बढ़ा देखना चाहती है। सरकार इस दिशा में तेजी से कदम उठा रही है।

केंन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा है कि सरकार अन्न एवं कृषि उत्पादों के भण्डारो के साथ किसान की जेब को भरा व् उनकी आय को बढ़ा देखना चाहती है। सरकार इस दिशा में तेजी से कदम उठा रही है। केंद्रीय कृषि मंत्री ने यह बात आज नई दिल्ली में ‘कृषि 2022 - डबलिंग फार्मर्स इनकम’ पर आयोजित की जारी रही दो दिवसीय कार्यशाला (19-20 फरवरी 2018) के उद्घाटन समारोह में कही।  इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार, कृषि राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला,गजेन्द्र सिंह शेखावत, कृष्णा राज, कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव एस.के पटनायक उपस्थित रहे। इनके अलावा केंद्र एवं राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारीगण, वैज्ञानिक,  अर्थशास्त्री, व्यापार उद्योग के प्रतिनिधि, पेशवरों के संगठन, कॉर्पोरेट एवं निजी क्षेत्र कम्पनियों के प्रतिनिधि, किसान और किसान समितियों के प्रतिनिधि, शिक्षाविद् और बैंकर्स ने भी इस कार्यशाला में हिस्सा लिया।

कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के वायदे के मुताबिक 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की वृहद योजना को अमली जामा पहनाने का काम सरकार ने अप्रैल 2016 से ही एक समिति के गठन से शुरू कर दिया था, जिसमें वरिष्ठ अर्थशास्त्री, भारत सरकार के खाद्य प्रसंकरण, फसल, पशु पालन एवं डेरी तथा नीति प्रभागो के संयुक्त सचिव; नीति आयोग के कृषि सलाहकार एवं कई अन्य गैर सरकारी सदस्य को शामिल किया गया। सरकार चाहती है कि कृषि नीति एवं कार्यक्रमों को ‘उत्पादन केंद्रित’ के बजाय ‘आय केंद्रित’ बनाया जाए। इस महत्वाकांक्षी उद्देश्य की प्राप्ति के लिए सरकार द्वारा माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा सुझाए ‘बहु-आयामी सात सूत्रीय’ रणनीति को अपनाने पर बल दिया गया, जिसमें शामिल है- 

  • प्रति बूंद अधिक फसल’’ के सिद्धांत पर पर्याप्त संसाधनों के साथ सिंचाई पर विशेष बल।
  • प्रत्येक खेत की मिटटी गुणवत्ता के अनुसार गुणवान बीज एवं पोषक तत्वों का प्रावधान।
  • कटाई के बाद फसल नुक्सान को रोकने के लिए गोदामों और कोल्डचेन में बड़ा निवेश।
  • खाद्य प्रसंस्करण के माध्यम से मूल्य संवर्धन को प्रोत्साहन ।
  • राष्ट्रीय कृषि बाज़ार का क्रियान्वन एवं सभी 585 केन्द्रों पर कमियों को दूर करते हुए ई – प्लेटफार्म की शुरुआत।
  • जोखिम को कम करने के लिए कम कीमत पर फसल बीमा योजना की शुरुआत।
  • डेयरी-पशुपालन, मुर्गी-पालन, मधुमक्खी –पालन, मेढ़ पर पेड़, बागवानी व मछली पालन जैसी सहायक गतिविधियों को बढ़ावा देना।

केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि भारत जैसे विशाल और आर्थिक विषमताओं वाले देश में दूर-दराज के दुर्गम इलाकों तक और समाज के सबसे कमजोर वर्ग तक अनाज की भौतिक और आर्थिक पहुँच सुनिश्चित करना एक कठिन चुनौती साबित हो रही थी। परन्तु 2014-15 के दौरान सरकार की अनुकूलनीतियों, कारगर योजनाओं और प्रभावी क्रियान्वयन ने इस कार्य को बखूबी अंजाम दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में ‘क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर’ विकसित करने की ठोस पहल की गई है। इसके लिये राष्ट्रीय-स्तर की परियोजना लागू की गई है, जिसके अंतर्गत किसानों को जलवायु अनुकूल कृषि तकनीकें अपनाने के लिये जागरूक एवं सक्षम बनाया जा रहा है।

English Summary: The government is working on these seven mantras of Kisan Revenue Twenty-two Published on: 19 February 2018, 11:51 PM IST

Like this article?

Hey! I am . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News