1. Home
  2. ख़बरें

'संजीवनी बूटी' पर मिलकर काम करेंगे भारत, चीन और पाक

भारत, चीन, पाकिस्तान और नेपाल ने चमत्कारिक गुणों से युक्त औषधीय वनस्पति 'सीबकथार्न' के जरिये हिमालय क्षेत्र की ग्रामीण आबादी की आय बढ़ाने के लिए हाथ मिलाया है। इस पौधे के चमत्कारिक गुणों को देखते हुए इसे 'संजीवनी बूटी' के समान माना जाता है।

भारत, चीन, पाकिस्तान और नेपाल ने चमत्कारिक गुणों से युक्त औषधीय वनस्पति 'सीबकथार्न' के जरिये हिमालय क्षेत्र की ग्रामीण आबादी की आय बढ़ाने के लिए हाथ मिलाया है। इस पौधे के चमत्कारिक गुणों को देखते हुए इसे 'संजीवनी बूटी' के समान माना जाता है।

अंतरराष्ट्रीय संस्था 'इंटरनेशनल सेंटर फार इंटिग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट' के सदस्य इन देशों ने हिंदुकुश हिमालय क्षेत्र की ग्रामीण आबादी की आजीविका बढ़ाने और जलवायु परिवर्तन के खतरों से निपटने में मदद के लिए यह पहल की है। इसके लिए चीन में हाल में आयोजित एक बैठक में परस्पर सहयोग के वास्ते एक करार पर हस्ताक्षर भी किए गए।

सम्मेलन में भाग लेकर लौटे भारत के प्रतिनिधि सी एस के हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के प्रोफेसर वीरेंद्र सिंह ने बताया कि 4000 से 14000 फुट की ऊंचाई पर उगने वाले इस पौधे के फलों के चमत्कारिक गुणों के कारण यह 'संजीवनी बूटी' के समान है और अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी खासी मांग है। सीबकथार्न पर करीब दो दशकों तक अध्ययन कर चुके प्रोफेसर सिंह ने बताया कि ये सभी देश इसके फल से विभिन्न उत्पाद तैयार करने पर सहमत हो गए हैं।

उन्होंने बताया कि चीन ने अपने यहां वन विभाग की बेकार पड़ी जमीनों पर सीबकथार्न की वाणिज्यिक पैदावार करके, इसके फल का प्रसंस्करण करके जूस, चाय और पौष्टिक खाद्य पदार्थों की बिक्री के जरिये स्थानीय लोगों की आय बढ़ाने का मॉडल तैयार किया है। इसके लिए उसने वन विभाग के अधिकारियों, वैज्ञानिकों, किसानों, खाद्य प्रसंस्करण कंपनियों तथा विश्वविद्यालयों का एक समूह बनाया है। उसने 30 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में इसकी पैदावार करने तथा इस पर आधारित 500 से अधिक उद्योग-धंधे लगाने का सफल प्रयोग किया है।

प्रोफेसर सिंह ने बताया कि करार के तहत चीन इन तीनों देशों के अधिकारियों,वैज्ञानिकों तथा विश्वविद्यालयों के विद्यार्थियों को इस मॉडल का अल्प एवं दीर्घकालिक प्रशिक्षण देने को तैयार हुआ है। यह योजना अंतरराष्ट्रीय सीबकथार्न संगठन के जरिये लागू की जाएगी।

उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर के लेह,हिमाचल प्रदेश,उत्तराखंड और सिक्किम जैसे पर्वतीय राज्यों में सीबकथार्न उगता है। यह कैंसर, मधुमेह, यकृत की बीमारियों के लिए रामबाण है। ऐंटी आक्सिडेंट तथा तमाम विटामिनों से भरपूर यह फल बढ़ती उम्र के प्रभाव को रोककर यौवन बनाए रखने और सौंन्दर्य निखारने तथा खून की कमी को दूर करने में मददगार है। इसके अलावा यह ग्लेशियर को पिघलने से रोकने, तथा भूक्षरण रोकने में भी सहायक है जिससे यह जलवायु परिवर्तन के खतरे से निपटने में भी कारगर है।

English Summary: India, China and Pakistan will work together on 'Sanjivani Buti' Published on: 14 March 2018, 12:53 AM IST

Like this article?

Hey! I am . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News