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कृषि साहित्य ही उन्नति का साधन

बढ़ती जनजंख्या के परिणामस्वरूप घटती जोत में भी कृषि को लाभ का सौदा बनाने हेतु, नित नई विकसित होती लाभकारी तकनीक अपनाना कृषक भाई -बहनों हेतु अनिवार्य हो गया है.

बढ़ती जनजंख्या के परिणामस्वरूप घटती जोत में भी कृषि को लाभ का सौदा बनाने हेतु, नित नई विकसित होती लाभकारी तकनीक अपनाना कृषक भाई -बहनों हेतु अनिवार्य हो गया है. इन तकनीक को अपनाने योग्य, स्थाई ज्ञान के रूप में, सहजता, सरलता तथा पूरी  विश्वसनीयता के साथ प्रस्तुत  करने में आज भी समाचार पत्र तथा पुस्तकें बेजोड़ हैं.

समस्त ग्रामवासियों को श्रेष्ठ कृषि तथा संबंधित विषयक तकनीकी पुस्तकें उपलब्ध करवाने के लिये वाचनालय स्थापित करने की ओर ग्रामवाचनालय से उन्नत खेती नामक विषय पर आयोजित प्रशिक्षण, कृषि विज्ञान केंद्र, रीवा की ओर से एक प्रयास है.

उपरोक्त उद्गार हैं कृषि विज्ञान केंद्र - रीवा की कृषि विस्तार वैज्ञानिक डॉ. किंजल्क सी.सिंह के, जो कि कृषि महाविद्यालय रीवा के अधिष्ठाता डॉक्टर एस.के. पांडेय  के मार्गदर्शन तथा कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ अजय कुमार पांडेय के दिशा-निर्देशन में केंद्र द्वारा ग्राम कोठी में आयोजित प्रशिक्षण में उपस्थित 33 कृषक भाई बहनों, किशोर-किशोरियों और बच्चों को संबोधित कर रही थीं.

प्रशिक्षण को आगे बढ़ाते हुए खाद्य वैज्ञानिक डॉ. चंद्रजीत सिंह ने प्रशिक्षणार्थीयों का आह्वाहन किया कि वे कृषि विज्ञान के सतत संपर्क में रहें तथा वैज्ञानिकों से भेंट कर चर्चा करें और  केंद्र से प्रकाशित तकनीकी साहित्य अवश्य प्राप्त कर घर लायें तथा सपरिवार इस सामग्री का समय समय पर पठन-पाठन कर कौशल आधारित ज्ञान को आत्मसात करें जिसका मूर्तरूप उनके खेतों में तथा कार्यों में देखने को मिले साथ ही साथ ग्रामस्तरीय  सामूहिक वाचनालय स्थापित करने में सहयोग भी प्रदान करें ताकि अधिकाधिक लोग लाभान्वित हो सकें.

प्रशिक्षण में महिला बाल विकास विभाग की आँगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमति साधना मालवीय तथा अग्रणी कृषक श्री रामलाल पटेल की उपस्थिति उल्लेखनीय रही.

English Summary: Agricultural equipment Published on: 21 February 2018, 11:28 PM IST

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