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वी वर्क लोकली, स्टे लोकली, बट थिंक ग्लोबली : जैन इरीगेशन

भारत के विकास की दिशा में अपनी सोच को कई दशक पहले जैन इरीगेशन के संस्थापक भंवर लाल हीरालाल ने माँ से मिले शब्दों को अनुसरण करते हुए पहल करना शुरू किया और "जैन इरीगेशन" की स्थापना के साथ ही इस विचार को ध्यान में रखते हुए "कम जमीन वाले किसानों का विकास कैसे किया जाए" सिंचाई तकनीक में सुधार के साथ कृषि में विकास करना शुरू किया.

भारत के विकास की दिशा में अपनी सोच को कई दशक पहले जैन इरीगेशन के संस्थापक भंवर लाल हीरालाल ने माँ से मिले शब्दों को अनुसरण करते हुए पहल करना शुरू किया और "जैन इरीगेशन" की स्थापना के साथ ही इस विचार को ध्यान में रखते हुए "कम जमीन वाले किसानों का विकास कैसे किया जाए" सिंचाई तकनीक में सुधार के साथ कृषि में विकास करना शुरू किया.

अपने कार्यों की शुरुआत भंवर हिरालाल जैन ने कई ऐसे तकनीक जो किसानों के लिए ज्यादा हितकर हो उसे समझने की कोशिश की और उसे अपने क्षेत्र में अमल करना शुरू किया जिससे क्षेत्र के कम भूमि वाले किसानों की आय बढ़ने लगी और उनका समय बचने लगा और जैन इरीगेशन के प्रति उनका विश्वास अटूट होने लगा.

कृषि जागरण वरिष्ठ पत्रकार अनिकेत सिन्हा इस बार महराष्ट्र के जलगाँव स्थित भारत में सिंचाई क्रांति की शुरुआत करने वाली कंपनी जैन इरीगेशन के मुख्यालय का दौरा हुआ इस दौरे के दौरान प्रसार निदेशक अनंत बागुल और वरिष्ठ शस्य वैज्ञानिक आर.वी.पाटिल सर से ख़ास मुलाकात हुई और जैन इरीगेशन के स्थापना से लेकर भविष्य की भावी योजनाओं के बारे में विस्तार से चर्चा हुई. पाटिल ने बताया कि हमारे जैन इरीगेशन का यह वाक्य लोकप्रिय है वी वर्क लोकली, स्टे लोकली, बट थिंक ग्लोबली... जिसके वजह से आज जलगाँव को विश्वपटल पर विराजमान करने वाला जैन इरीगेशन ही है.

जलगाँव रेलवे स्टेशन से कुछ ही दूरी पर जैन इरीगेशन का मुख्यालय है. जैन इरीगेशन का मुख्यालय 2200 एकड़ में फैला है. आज पूरे विश्व में किसानों के लिए अमूल्य वरदान बनने वाली कम्पनी जैन इरीगेशन कई दशकों से अपने अनुसंधान और अपने उत्पादों की गुणवत्ता के कारण किसानों के बीच में अपनी पहचान बनाई है. अनंत बागुल ने बताया की हम और हमारे सभी अधिकारी किसानों के लिए उनके खेत में उनके साथ खेत में भी उतर कर काम करते हैं और किसानों को नई तकनीक के बारे में तब तक बताते हैं जब तक किसान अभ्यस्त ना हो जाए.

किसान के लिए अपने महत्वकांक्षा के माध्यम से कृषि के कई कार्यों को जैन इरीगेशन ने इतना सरल बना दिया है कि आज किसानों को समय की बचत के साथ कई गुना उत्पादन और मुनाफे में बढ़ोतरी हुई है और ऐसा सिर्फ जैन इरीगेशन ने कर दिखाया है क्यूंकि विश्व की सिंचाई व्यवस्था में एक नया आयाम रचते हुए सिंचाई करने कि तकनीक को आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल से करके पूरा परिवर्तित कर दिया है. फसलों को जरुरत के अनुसार पानी देने की तकनीक का इजाद किया है, जिससे आज किसानों के उत्पादन में कई गुणा बढ़ोतरी हुई है. पाटिल ने बताया कि हमारे चेयरमैन साहब का लक्ष्य था कि किसानों के हित के लिए हम निरंतर प्रयासरत रहेंगे. कृषि पूरे ब्रह्माण्ड की जरुरत है इस धरती पर जीने वाले सभी प्राणी और जीव जंतु और पर्यावरण सभी कृषि के माध्यम से ही अपना जीवन निर्वाह करते हैं.

जैन इरीगेशन की स्थापना पहले जैन ब्रदर्स के नाम से सन 1963 में हुई थी. उस समय से ही संस्थान के संस्थापक भंवर हीरालाल जैन ने अपनी योजना की शुरुआत की थी और कुछ कंपनियों के उत्पाद के डीलर लेने के बाद खुद की महत्वकांक्षी योजनाओं के ऊपर काम करना शुरू किया. जैन इरीगेशन की स्थापना 80 के दशक में हुई जिसे आज विश्व के 30 देशों में अपने उत्पादन संयंत्र के साथ साथ अपने अनुसंधान के माध्यम से विश्व भर के किसानों के लिए अपने उत्पाद उपलब्ध किये हैं जिससे आज भारत के किसानों के साथ साथ कई देशों के किसान जैन इरीगेशन के तकनीक को अपना कर आज पहले की अपेक्षा दुगना उत्पादन का लाभ ले रहे हैं. फिर उसके बाद सन 2000 में अपना खुद का अनुसंधान केंद्र जलगाँव में स्थापित किया और सिंचाई व्यवस्था में नई क्रांति की शुरुआत की.

जैन इरीगेशन आज के समय में कृषि से जुड़े क्षेत्रों में सिर्फ सिंचाई ही नहीं बल्कि कई प्रभागों में अपना बहुमूल्य योगदान दे रहा है जो निम्न लिखित है...

ड्रिप सिंचाई प्रणाली : ड्रिप सिंचाई प्रणाली के तहत हमने कई तकनीक को विकसित किया है जिसमें टपक सिंचाई प्रणाली से लेकर फवारा सिंचाई प्रणाली तक शामिल है. इस सिंचाई प्रणाली के तहत हर फसलों को उनके जरुरत के अनुसार सिंचाई की जाती है जिससे कई समस्या से किसानों को निजात मिल जाती है मसलन समय बचता है और उत्पादन पर भी असर होता है

पीवीसी पाइप और फिटिंग : जैन इरिगेशन पाइप और फिटिंग में प्लास्टिक पाइप का सबसे बड़ा निर्माता है। जैन इरिगेशन हर साल विभिन्न पॉलिमर की 300,000 मीट्रिक टन से पाइप अधिक उत्पादन करता है. 

जैन इरिगेशन सिस्टम्स लिमिटेड आज के समय में एक अरब डॉलर से अधिक कारोबार करने वाली विविध इकाई है। जैन इरिगेशन सिस्टम्स लिमिटेड के 30 विनिर्माण संयंत्र चार महाद्वीपों में स्थापित हैं।  जैन इरिगेशन सिस्टम्स लिमिटेड के उत्पादों को 6700 डीलरों और वितरकों के माध्यम से दुनिया भर में 126 देशों में भेजी जाती है। जैन इरिगेशन सिस्टम्स लिमिटेड आज के समय में 45 लाख से अधिक किसानों जुड़ चुके हैं। हम दूसरी सबसे बड़ी दुनिया में सूक्ष्म सिंचाई(ड्रिप इरीगेशन) कंपनी हैं। हम सूक्ष्म सिंचाई विभाग के द्वारा आधुनिक सिंचाई उत्पादों एवं प्रणाली कि पूरी श्रृंखला बनाती है. इसके आलावा जैन इरीगेशन कई क्षेत्रों में अपनी कार्य क्षमता को फ़ैलाने में प्रयासरत है. 

जैन फार्म ताजा : जैन फार्म ताजा के तहत हमने फार्म फ्रेश मेंगो फ्रूट जूस बाजार में उतारा है जिसकी कुछ राज्यों में अच्छी मांग भी बढ़ी है. आज हम आम, केला, टमाटर जैसे उत्पादों के पुयुरी बना कर बाहर के देशों में निर्यात करते हैं इसके आलावा हमने प्याज एवं सब्जियों को सुखाने के बाद पाउडर  और फ्लेक्स के रूप में बाजार में शुरू किया और आज विश्व के कई देशों में इसे हम निर्यात करते हैं.

टिशू कल्चर पौधे : हमारे टिशु कल्चर अनुसंधान केंद्र के माध्यम से केले के 80 लाख पौधे उत्पादन कर करते हैं. हमारा यह अनुसंधान किसानों के लिए सबसे जायदा और प्राथमिकता भरा है. हमने हमेशा से किसानों को नई तकनीक देने की कोशिश की हैं. इसके लिए हमने अनुसंधान केंद्र और प्रयोगशाला बना रखा है जिसमें वैज्ञानिकों के माध्यम से अनार,अंगूर,और कई पौधों के टिशु कल्चर भी तैयार किये जाते हैं.

सोलर सिस्टम : सोलर सिस्टम के तहत हमने सोलर पार्क स्थापित कर रखा है जिसके माध्यम से हमने सोलर को मोटर पंप सिस्टम से जोड़ दिया जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में जंहा पर बिजली की उपलब्धता मौजूद नहीं थी वह पर हमने किसानों के लिए सोलर तकनीक से लैस पम्प उपलब्ध किया हैजिससे किसानों को आज सिंचाई करने के लिए किसी पर निर्भर नहीं होना पड़ता है और हमारे इस अनुसंधान को किसानों नें इतना सराहा है जिससे आज किसानों का अटूट विश्वास मिला है. इसके आलावा हम सोलर प्लेट का भी उत्पादन स्वयं करते हैं. 

जैन इरीगेशन के इस सराहनीय कदम से सिर्फ भारत ही नहीं विश्व के भी किसानों को आधुनिक तकनीक के प्रयोग की जानकारी उपलब्ध की जा रही है इसके लिए मुख्यालय परिसर में किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए किसानों के लिए अत्याधुनिक तकनीक से लैस सभागार बने हुए हैं. जैन इरीगेशन को इस सराहनीय कार्य के लिए राष्ट्रिय और अन्तराष्ट्रीय स्तर पर कई सम्मान भी मिल चुके हैं जैनिर्रिगति को सबसे मुख्य सम्मान "क्रोफोर्ड रीड मेमोरियल अवार्ड" इरीगेशन एसोसिएशन (यु.एस.ए) की ओर से मिला है. भंवर हीरालाल जैन पहले भारतीय और दुसरे एशियन हैं जिन्हें ये सम्मान जल संरक्षण और उनके प्रयोग में अनुसंधान के लिए मिला है. जैन इरीगेशन ने सामाजिक कार्यों में भी अपना योगदान दे रहा है मुख्य रूप से किसानों के आलावा शिक्षा और ग्रामीण विकास,और संस्कृति से जुड़े कई रचनात्मक कार्यों में भी जैन इरीगेशन का सहयोग रहा है. हम अपने मुख्यालय में हर साल 10000 प्रगतिशील किसानों को सम्मान देते हैं और उनका प्रोत्साहन बढ़ाते हैं. किसानों के लिए जैन इरीगेशन हमेशा 24/7 तत्पर है. हमारा प्रयास है की किसानों को हर प्रकार से तकनीक के माध्यम से सुविधा हम उपलब्ध कर सके.

English Summary: We Work Local, Stay Locally But But Think Globally: Jain Irrigation Published on: 22 December 2017, 04:32 AM IST

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