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किसान अगर सीखना चाहते हैं खेती में जल का सही प्रयोग तो इन लोगों से सीखें

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज एसोचैम (एसोसिएटेड चैम्बर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ़ इंडिया) के द्वारा जल प्रबंधन पर एक आयोजन किया गया। इवेंट का आयोजन जनपद स्थित एक पांच सितारा होटल में किया गया था। कार्यक्रम का मकसद जल से जुड़ी सभी मुद्दे जैसे जल का विकास, संरक्षण और प्रबंधन पर जानकारी तथा अनेक परियोनाओं के द्वारा हो रहे विकास कार्य से लोगों को अवगत कराना था।

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आज एसोचैम  (एसोसिएटेड चैम्बर्स ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ़ इंडिया) के द्वारा जल प्रबंधन पर एक आयोजन किया गया। इवेंट का आयोजन जनपद स्थित एक पांच सितारा होटल में किया गया था। कार्यक्रम का मकसद जल से जुड़ी सभी मुद्दे जैसे जल का विकास, संरक्षण और प्रबंधन पर जानकारी तथा अनेक परियोनाओं के द्वारा हो रहे विकास कार्य से लोगों को अवगत कराना था। इवेंट को लेकर वहां मौजूद लोगों ने काफी सक्रियता दिखाई और आम लोगों के साथ कई कमपनियों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया। इसके साथ ही इवेंट में जल जुड़ी तमाम बड़े मुद्दों पर चर्चा करने के लिए कुछ प्रमुख लोग मैजूद थे जिनमें डॉ. के.डी. गुप्ता (चेयरमैन, एसोचैम वेस्ट मैनेजमेंट काउंन्सिल), डॉ. एच.पी. सिंह (चेयरमैन, नेश्नल काउंन्सिल ऑन एग्रीकल्चर एंड फूड सेक्यूरिटी, एसोचैम एंड इंडिपेंडेंट डॉयरेकटर, जैन इरिगेश्न सिस्टम), के.सी. नायक (चेयरमैन, सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड), महेश गुप्ता (सीएमडी, केन्ट आरओ सिस्टम्स प्रा.ली.), राजीव मित्तल ( मैनेज़िंग डॉयरेक्टर एंड ग्रुप सीईओ,वीए टेक वेबैग लीमिटेड) व अन्य लोग मौजूद थे। जिन्होंने बारी-बारी से जल से जुड़ी कई बड़े मुद्दों पर तथ्यों के आधार पर वहां मौजूद लोगों के साथ साझा किया। वहीं गेस्ट ऑफ ऑनर के रूप में वहां यू.पी. सिंह (सेक्रेटरी, मिनीस्ट्री ऑफ वाटर रिसोर्सेज, रिवर डेवलप्मेंट एंड गंगा रिजूवेनेशन, भारत सरकार) मौजूद थे। उन्होंने जल सकट के विषय पर अपनी बातों को रखते हुए कहा कि पिछले कुछ दिनों से हर जगह जल संकट की बात सुनने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि आज जल संकट को लेकर कई तरह के मिटींग, डिबेट, इत्यादि चल रही हैं तो उन विष्यों पर सकारात्मक सोच दिखाने की जरूरत है। देश मे अगर इस तरह की जल संकट का अंदेशा होता है तो उसपर भी कार्य किए जाएंगे और उस तरह की स्थिती ना बने तो उसके लिए कई परियोजनाएं चलाई जा रही हैं और कार्य किए जा रहे हैं।

वाटर मैनेजमेंट एक्सीलेंस अवार्ड- 2018 से कंपनीयों को नवाज़ा गया

जल क्षेत्र में कुछ नई और अलग तकनीक विकसित करने वालों को वाटर मैनेजमेंट एक्सीलेंस अवार्ड-2018 से सम्मानित किया गया। यह सम्मान कुल 9 कंपनियों को उनके द्वारा अलग-अलग सराहनीय कार्यों के लिए दिया गया। किसी ने कृषि क्षेत्र में जल की उपयोगिता के लिए यंत्र तैयार किए थे तो किसी ने जल को अनेक प्रकार के संरक्षण के लिए यंत्र।

स्पीकर्स के तौर पर कई कंपनियों के प्रमुखों ने लोगों ने अपनी बात रखी

इवेंट में जल और कृषि क्षेत्र में कार्य कर रहे कई बड़ी कंपनियों के प्रमुख और प्रतिनिधि मौजूद थे। जिन्होंने बारी- बारी से अपनी बातों को लोगों के बीच रखा। कृषि क्षेत्र में कीटनाशक उत्पादन कंपनी धानुका एग्रीटेक के चेयरमैन आर.जी. अग्रवाल ने जल प्रबंधन और सरंक्षण को लेकर कई प्रकार की बातें कहीं। उन्होंने कहा कि किसानों को उनके फसलों के उपयोग के लिए जल के बारे में जानकारी होनी आवश्यक है। उन्होंने आगे कहा कि कई तरह के सरकारी नितीयों के तहत किसानों को लाभ लेना चाहिए और जल के उपयोग के बारे में सीखना चाहिए। साथ ही उन्होंने पानी के पन: उपयोग पर जोर दिया और कहा की अभी देश में इस चीज की काफी जरूरत है। एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि घरों में एसी से निकलने वाली पानी को फेंकने की जहग अगर उसे किसी काम में लाया जाए तो भी यह जल संरक्षण में अच्छा कदम होगा।

वहीं अखिलेश यादव (रिज़नल मैनेज़र, नॉर्थ, आईटीसी ली.) ने इवेंट में अपनी बातों को रखते हुए जल की महत्वपूर्ण नीति, तकनीकी सहायता, सिंचाई, भूजल संसाधनों के उपयोग, सुरक्षा और संरक्षण, जल संसाधनों के अन्तर्राष्ट्रीय पहलूओं के बारे में कई बातें रखीं। उन्होंने महाराष्ट्र में किसानों के बीच जल समस्या और उनके उपायों पर चर्चा किया और यह भी बताया की उचित जल संसाधन के जरिए किसानों को कैसे फायदा पहुंच सकता है।

English Summary: If the farmer wants to learn the right use of water in agriculture then learn from these people. Published on: 28 June 2018, 09:19 AM IST

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