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दाल बिक्री की नई नीति, नुकसान के बचाव के लिए बनाई गई है नीति

दाल का बफर स्टॉक बनाने से केंद्र ने कई सौ करोड़ के नुकसान को सही करने का फैसला किया है। केंद्र सरकार ने दाल बिक्री की नई नीति जारी की है। वहीं इस पूरे विषय पर उपभोक्ता एवं खाद्द वितरण मंत्रालय ने आर्थिक नुकसान के मद्देनज़र, लगातार समीक्षा का निर्णय लिया है। साथ ही दालों के उचित प्रबंधन के लिए जल्द एक पेशेवर भी नियुक्त करने का फैसला किया है।

दाल का बफर स्टॉक बनाने से केंद्र ने कई सौ करोड़ के नुकसान को सही करने का फैसला किया है। केंद्र सरकार ने दाल बिक्री की नई नीति जारी की है। वहीं इस पूरे विषय पर उपभोक्ता एवं खाद्द वितरण मंत्रालय ने आर्थिक नुकसान के मद्देनज़र, लगातार समीक्षा का निर्णय लिया है। साथ ही दालों के उचित प्रबंधन के लिए जल्द एक पेशेवर भी नियुक्त करने का फैसला किया है। बता दें की सरकार ने दालों के दाम बढ़ने पर 20 लाख टन का बफर स्टॉक बनाया था।

मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2016 से अब तक बफर स्टॉक के लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष से 20.50 लाख टन दलहनों की खरीद की गई थी। लेकिन, दाल कि गिरती किमतों के चलते सरकार दाल को कम किमत पर बेचने का फैसला किया। वहीं दाम कम करने की एक वजह ये भी रही की दाल खराब हो रही थी।  आपको बता दें की इस वजह से सरकार ने आकलन किया है की उसे कुल 439.17 करोड़ का नुकसान हो सकता है और सरकार ने इसी के मद्देनज़र नई निती निर्धारित करने का फैसला किया है। बिक्री निती के मुताबित, बाज़ार के चढ़ते-उतरते भाव पर नज़र रखी जाएगी और उसके मुताबिक समीक्षा कर बिक्री की जाएगी।   

English Summary: New policy for sale of lentils, policy to protect against loss Published on: 22 May 2018, 06:43 AM IST

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